शिक्षा मनुष्य की मूलभूत आवश्यकताओं में से एक है। देश को साक्षर और सुशिक्षित बनाने के लिए हमारे देश में कई वर्षों से शिक्षा से संबंधित कई अभियान चलाए जा रहे हैं। फिलहाल एक सर्वे से हैरान कर देने वाली बात सामने आई है। एक सर्वे के अनुसार भारत में एशिया का सबसे शिक्षित गांव मौजूद है। अविश्वसनीय जरूर है लेकिन ये सच है। उत्तर प्रदेश के अलीगढ जिले में एक गांव है धोरा माफ़ी।
धोरा माफी गांव में करीब 10 से 11 हजार लोग रहते हैं। दिलचस्प बात यह है कि इस गांव में 90 फीसदी लोग पढ़े-लिखे हैं। 2022 में धोर्रा माफी गांव ने ‘लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स’ में अपना नाम दर्ज कराया। गाँव की साक्षरता दर 75 प्रतिशत से अधिक थी; जिसे एक रिकॉर्ड माना जाता है। इसके अलावा इस गांव को ‘गिनीज बुक ऑफ रिकॉर्ड्स’ के सर्वेक्षण के लिए भी चुना गया है।
यह गांव न केवल सुशिक्षित है बल्कि यहां कई शैक्षणिक सुविधाएं भी हैं। इस गांव में कई अंग्रेजी माध्यम के स्कूल और कॉलेज हैं। यहां बड़ी संख्या में लोग खेती के बजाय काम करते हैं। इसलिए इस गांव के 80 फीसदी लोग अच्छे पदों पर हैं। कोई डॉक्टर है, कोई इंजीनियर है, कोई प्रोफेसर है, कोई आईएएस अधिकारी है। कईयों को अच्छी नौकरियाँ मिल गई हैं। इस गांव के कई लोग नौकरी और पढ़ाई के लिए विदेश गए हैं। ये लोग शिक्षा के महत्व को समझ गए हैं और यही कारण है कि वे आत्मनिर्भर और सुशिक्षित हैं।
‘लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स’ के मुताबिक यह गांव एशिया के सबसे शिक्षित गांव के रूप में ख्याति अर्जित कर चुका है। फिलहाल इस गांव की चर्चा पूरी दुनिया में जोरदार तरीके से हो रही है। अगर देश के हर गांव में ऐसे पढ़े-लिखे लोग दिखें, तो साक्षरता के मामले में भारत जल्द ही दुनिया में शीर्ष पर हो सकता है।