विश्व स्वास्थ्य संगठन ने हाई ब्लड प्रेशर को लेकर एक रिपोर्ट जारी की है और इस रिपोर्ट में भारत के बारे में कई चौंकाने वाले तथ्य बताए गए हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि अगर हाई ब्लड प्रेशर से पीड़ित आधे लोग अभी इस बीमारी पर नियंत्रण करने की कोशिश करें तो भारत साल 2040 तक कम से कम 4.6 मिलियन लोगों की मौत से बच सकता है। इस रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में इस वक्त 18.83 करोड़ लोग हाई ब्लड प्रेशर से पीड़ित हैं। हालाँकि, उनमें से केवल 37 प्रतिशत ही इस बीमारी के बारे में जानते हैं। विश्व की 33% आबादी हाई ब्लड प्रेशर से पीड़ित है। रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि उनमें से केवल आधे लोगों को ही इलाज मिल रहा है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन के प्रमुख टेड्रोस घेब्रेयसस ने रिपोर्ट के संबंध में एक बयान देते हुए कहा, हाई ब्लड प्रेशर बहुत हानिकारक है। हृदय रोग भी दुनिया भर में मौत का एक प्रमुख कारण बनता जा रहा है। मैं भी हाई ब्लड प्रेशर से पीड़ित हूं, इसलिए मैं अच्छी तरह समझ सकता हूं कि यह बीमारी कितनी खतरनाक है। मैं भाग्यशाली हूं कि समय पर बीमारी का पता चल गया और मुझे उचित और सर्वोत्तम इलाज मिल रहा है।’ हालाँकि, दुर्भाग्य से दुनिया की आधी से अधिक आबादी को हाई ब्लड प्रेशर है, उन्हें इसके बारे में पता नहीं है और इसलिए वे इलाज से दूर हैं। हाई ब्लड प्रेशरअनजाने में उन लोगों को मृत्यु (साइलेंट किलर) की ओर ले जा रहा है।”
रिपोर्ट में कहा गया है कि हालांकि देश में अनियंत्रित उच्च रक्तचाप से पीड़ित वयस्कों की संख्या घट रही है, लेकिन यह कोई राहत देने वाली बात नहीं है। जिन हाई ब्लड प्रेशर के रोगियों का इलाज किया जा रहा है उनमें से आधे उच्च रक्तचाप के प्रारंभिक चरण में हैं। यदि भारत सही काम करे तो देश हृदय रोग और स्ट्रोक से होने वाली 4.6 मिलियन मौतों को रोक सकता है। डब्ल्यूएचओ की एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत में अनियंत्रित उच्च रक्तचाप हृदय संबंधी बीमारियों को बढ़ाता है, जिससे दिल के दौरे और स्ट्रोक से होने वाली 52 प्रतिशत मौतें होती हैं। यदि भारत उच्च रक्तचाप को 75 प्रतिशत तक नियंत्रित करने के लिए पर्याप्त महत्वाकांक्षी हो, तो कई मौतों को रोका जा सकता है।
भारत उच्च रक्तचाप नियंत्रण पहल (आईएचसीआई) लोगों के बीच उच्च रक्तचाप के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय, भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) और विश्व स्वास्थ्य संगठन, भारत और राज्य सरकारों द्वारा शुरू की गई पांच साल की पहल है। इस पहल के माध्यम से IHCI का लक्ष्य लोगों की जांच करके निर्धारित मानकों के अनुसार उपचार और दवाएं प्रदान करके उच्च रक्तचाप को नियंत्रित करने पर ध्यान केंद्रित करना है। इसका लक्ष्य 2025 तक उच्च रक्तचाप या मधुमेह से पीड़ित 75 मिलियन रोगियों का इलाज करना भी है।
IHCI पहले ही 27 राज्यों में उच्च रक्तचाप से पीड़ित 5.8 मिलियन लोगों को पंजीकृत कर चुका है। हालांकि, विश्व स्वास्थ्य संगठन ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि उच्च रक्तचाप से संबंधित दवाएं समय पर नहीं खरीदने के कारण मरीज इस पहल से मुंह मोड़ रहे हैं और अब मरीज उपचार केंद्र भी नहीं जा रहे हैं।