विश्व कोरोना वायरस की चपेट में है तो वहीं भारत इस बीमारी को एक अवसर के रूप में लेता जा रहा है। भारत में भले ही कोरोना वायरस के मामले तेजी से आगे बढ़ रहे हों लेकिन भारत के जज्बे पर इस बीमारी का कोई भी असर नहीं पड़ रहा है। सबसे पहले भारत ने WHO में अपनी जगह बनाई और अब चीन के बाद भारत दुनिया का दूसरा ऐसा देश बन गया है, जहां सबसे ज्यादा पीपीई किट उत्पादन किया जा रहा हैं। खास बात तो यह है कि केवल दो महीने से भी कम समय के अंदर भारत व्यक्तिगत सुरक्षा परिधान का दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा विनिर्माता बन चुका है।
कोरोना संकट में दिखी असली ताकत
कपड़ा मंत्रालय ने अपने एक बयान में कहा है कि सरकार ने पीपीई किट की क्वालिटी और मात्रा दोनों में ही सुधार करने के लिए बहुत से बड़े कदम उठाए हैं, जिसके कारण भारत दो महीने से भी बेहद कम समय में पीपीई किट का दूसरा सबसे बड़ा विनिर्माता बन गया है।
अब भारत इस मामले में केवल चीन ही से पीछे है। बयान में यह भी कहा गया है कि मंत्रालय सुनिश्चित कर रहा है कि सप्लाई चैन में केवल प्रमाणित कंपनियां ही पीपीई किट की आपूर्ति करें।
पीपीई किट की क्वॉलिटी पर जोर
सरकार ने गुरुवार को ही बताया है कि भारत दो महीने के भीतर ही पीपीई किट का दुनिया में दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक बन चुका है। कपड़ा मंत्रालय ने अपने एक बयान में कहा है कि उन्होंने पीपीई किट की गुणवत्ता और मात्रा दोनों में सुधार करने के लिए कई बड़े कदम उठाए हैं।
बयान में बताया गया है कि मंत्रालय ने यह भी सुनिश्चित किया है कि पूरी सप्लाई चेन में केवल सर्टिफाइड कंपनियां ही पीपीई किट की सप्लाई करें। सभी कपड़ा समिति यहां तक मुंबई भी स्वास्थ्य कर्मचारियों और अन्य कोरोना योद्धाओं के लिए आवश्यक पीपीई किट की टेस्टिंग और सर्टिफिकेशन करेगी।
प्रधानमंत्री ने भी किया था इसका जिक्र
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी 12 मई को देश के नाम संबोधन में यह बता चुके हैं कि भारत में कोरोना संकट से पहले एक भी पीपीई किट और एन-95 मास्क नहीं बनाए जाते थे पर अब हर दिन दो लाख पीपीई किट और 2 लाख एन-95 मास्क बनाए जा रहे हैं।
वहीं पीपीई किट की कमी के कारण देश में राजनीति भी बहुत हुई। विपक्षी दलों और खासकर कांग्रेस ने कई बार पीपीई किट की कमी का मुद्दा उठाकर सरकार पर निशाना साधा है।