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1965 से पहले के रेल नेटवर्क को फिर से शुरू करने के पक्ष में भारत – बांग्लादेश 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज बांग्लादेश की  पीएम शेख हसीना से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के ज़रिए बात  करेंगे। यह मुलाकात विजय दिवस के एक दिन बाद हो रही है, जो 1971 में पाकिस्तान पर भारत की जीत को याद दिलाता है। इस मुलाकात में कोरोना  युग के बाद द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत बनाने के साथ ही 1965 से पहले चलने वाले रेल नेटवर्क को फिर बहाल करने को लेकर चर्चा हो सकती है।

भारत और बांग्लादेश के बीच लगातार उच्च स्तर पर संपर्क बनाए हुए हैं। इसी के तहत पिछले साल 2019 के अक्टूबर महीने में बांग्लादेशी पीएम शेख हसीना ने भारत का आधिकारिक दौरा किया था तो वहीं पीएम मोदी ने मार्च 2020 में मुजीब बोर्षो (वर्ष) के ऐतिहासिक मौके पर एक वीडियो संदेश भी जारी किया था। दोनों देश के नेता कोरोना महामारी के दौर में लगातार संपर्क बनाए रखे हैं।

सूत्रों के मुताबिक, भारत और बांग्लादेश ट्रांसपोर्ट और कनेक्टिविटी को बढ़ाने पर चर्चा कर सकते हैं। दोनों ही नेता 1965 से जारी 6 रेल लिंकों का संचालन एक बार फिर शुरू करने के पक्ष में हैं।

हल्दीबाड़ी-चिलाहटी रेल लिंक के उद्घाटन के साथ दोनों देशों के बीच फिलहाल इन 6 में से 5 रेल लिंक का संचालन चल रहा है। पश्चिम बंगाल को बांग्लादेश से जोड़ने वाले 4 अन्य रेल लिंक  हैं ,पेट्रापोल (भारत)-बेनापोल (बांग्लादेश), गेडे (भारत)-दर्शना (बांग्लादेश), सिंहाबाद (भारत)-रोहनपुर (बांग्लादेश) और राधिकापुर (भारत)-बिरोल (बांग्लादेश)।

सूत्रों ने बताया कि हल्दीबाड़ी-चिलहाटी रेल लिंक 1965 में हुए भारत-पाक युद्ध की वजह से बर्बाद हो गया था। अब यह रेल लिंक असम और बंगाल को बांग्लादेश से सीधे जोड़ेगा। इसके अलावा अगरतला और अखोरा को जोड़ने के लिए भी रेल लाइन बिछाने का काम चल रहा है।

बांग्लादेश साल 2020 को मुजीब बोर्षो- बांग्लादेश के राष्ट्रपिता शेख मुजीबुर्रहमान के जन्म शताब्दी के रूप में मना रहा है। शेख मुजीबुर्रहमान को बंगबंधु के नाम से भी जाना जाता है। इसी साल 17 मार्च को अपने वीडियो संदेश में पीएम मोदी ने मुजीबुर्रहमान को बीती शताब्दी की महानतम शख्सियतों में से एक बताया था और कहा था कि उनका पूरा जीवन सभी के लिए प्रेरणा है।

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