कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद की ओर से बनाई गई नेशनल टास्क फोर्स ने कोविड-19 के हाई रिस्क मामलों में हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन के इस्तेमाल का सुझाव दिया है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भी इस मलेरिया रोधी दवा हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन को कोरोना वायरस से निपटने में कारगर बताया था।
The National Task Force for COVID19 constituted by Indian Council of Medical Research recommends the use of hydroxychloroquine for treatment of COVID19 for high-risk cases pic.twitter.com/xEIWkzPufu
— ANI (@ANI) March 23, 2020
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) के पूर्व अध्यक्ष एवं हार्ट केयर फाउंडेशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष डॉ केके अग्रवाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इस विषय पर पत्र लिखा था। उन्होंने पत्र के जरिए अपील की है कि वायरस से संक्रमित लोगों के इलाज में इस दवा के इस्तेमाल की मंजूरी दी जाए।
The National Task Force COVID19 constituted by ICMR recommends the use of hydroxy-chloroquine for prophylaxis of COVID19 for high-risk cases pic.twitter.com/mhxI55VDc5
— ANI (@ANI) March 23, 2020
इस दवा का बकौल अग्रवाल यूरोपियन यूनियन के क्लीनिकल ट्रायल में 25 कोरोना संक्रमित लोगों पर परीक्षण किया गया है। इस परीक्षण में पाया गया है कि यह दवा मरीजों में वायरस को तेजी से कम करती है। इस दौरान दवा देने के छठे दिन बाद मरीजों की जाँच की गई तो पॉजिटिव मामले 25 प्रतिशत ही रह गए।
रिपोर्टों के मुताबिक, यह अध्ययन इंटरनेशनल जर्नल ऑफ एंटीमाइक्रोबायल एजेंट्स में प्रकाशित हुआ है। डॉक्टर्स के अनुसार इस दवा से मरीजों पर कोई ज्यादा साइड इफेक्ट भी नहीं है।
ICMR द्वारा गठित टास्क फोर्स ने इस दवा के इस्तेमाल को लेकर एडवाइजरी जारी की है। ये दवा उन हेल्थकेयर वर्कर्स को दी जा सकती है जो कोरोना वायरस के संदिग्ध या कन्फर्म मामलों की सेवा में लगे हैं। साथ ही लैब में कन्फर्म मामलों के घरवालों को भी यह दवा दी जा सकती है।
#WATCH: ICMR Director-General: Hydroxychloroquine is recommended only for a healthcare worker who is treating a #COVID patient. Secondly, it's recommended only for persons staying&caring for a household positive patient. They can take that only for prophylaxis,only for prevention pic.twitter.com/jylhDHFe3b
— ANI (@ANI) March 23, 2020
इसमें कहा गया है कि बिना डॉक्टर की सलाह के इस दवा का इस्तेमाल कोरोना के मामलों में न किया जाए और दी गई गाइडलाइन का सख्ती से पालन हो। कोरोना वायरस का इलाज अब तक ढूंढा नहीं जा सका है और दुनियाभर के वैज्ञानिक इसको लेकर रिसर्च कर रहे हैं। इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) के वैज्ञानिक भी अध्ययन में जुटे हैं और कल इस संबंध में एक रिपोर्ट दी जा सकती है।