रोंहिग्य मुसलमानों के मुद्दें पर भारत और बांग्लादेश के आपसी रिश्तों में काफी तलहट आ गई थी। लेकिन अब दोबारा दोनों देशों के राजनेता अपने आपसी रिश्तों को सुधारने की कवायद शुरु कर रहे है। भारत और बांग्लदेश के बीच चलने वाली ट्रेन सेवा 1965 में पूर्वी पाकिस्तान में संपर्क टूटने के बाद बंद हो गई थी। अब 55 साल बाद दोबारा रेल सेवा शुरु की जाएंगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना 17 दिसंबर को इसका उद्धधाटन करेंगी।
इस बात की जानकारी नॉर्थस्टफ्रंटियर रेलवे के अधिकारियों ने दी है। कूच बिहार के हल्दीबाड़ी से उत्तरी बांग्लादेश के चिल्हाटी तक की रेल लाइन भारत और फिर पूर्वी पाकिस्तान के बीच 1965 में रेल संपर्क टूटने के बाद खराब हो गई थी। एनएफआर के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी सुभान चंदा ने कहा कि “पीएम नरेंद्र मोदी और उनके बांग्लादेशी समकक्ष शेख हसीना 17 दिसंबर को हल्दीबाड़ी-चिल्हाटी रेल मार्ग का उद्घाटन करेंगे”
सुभान चंदा ने कहा कि “चिरहटी से हल्दीबाड़ी तक एक मालगाड़ी चलेगी, जो कि एनआरएफ के कटिहार डिवीजन के अधीन है। कटिहार के मंडल रेल प्रबंधक रविंद्र कुमार वर्मा ने कहा कि रेल मंत्रालय ने मंगलवार को रेल मार्ग को फिर से खोलने के निर्णय की सूचना अधिकारियों को दी।” एनएफआर के मुताबिक “अंतरराष्ट्रीय सीमा से हल्दीबाड़ी रेलवे स्टेशन की दूरी 4.5 किलोमीटर है, जबकि बांग्लादेश के चिल्हाटी की दूरी जीरो प्वॉइंट से 7.5 किलोमीटर के आसपास है। हल्दीबाड़ी और चिल्हाटी दोनों स्टेशन सिलीगुड़ी और कोलकाता के बीच पुराने ब्रॉड गेज रेलवे मार्ग पर थे, जो वर्तमान बांग्लादेश में क्षेत्रों से होकर गुजरते थे।” इस रूट पर यात्री ट्रेन सेवा शुरू होने से कोलकाता से जलपाईगुड़ी जाने वाले लोगों केवल सात घंटे का समय लगेगा। पहले 12 घंटे लगता था यानी 5 घंटे की बचत. गुवाहाटी के मालीगांव में स्थित एनईएफ का मुख्यालय पूरे पूर्वोत्तर क्षेत्र और बिहार और पश्चिम बंगाल के कुछ हिस्सों को कवर करता है।