भारत – चीन के साथ जारी सीमा विवाद के बीच भारत और अमेरिका की यह ‘ ‘ टू प्लस टू ‘ बैठक काफी अहम मानी जा रही है । इस बैठक पर पूरी दुनिया की निगाहें लगी हुई हैं। बैठक के बाद दोनों देशों ने साझा बयान जारी कर परमाणु सहयोग बढ़ाने पर सहमति व्यक्त की है । इस बैठक में अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोंपियो व रक्षा मंत्री मार्क एस्पर ने अपने भारतीय समकक्षों एस. जयशंकर और राजनाथ सिंह के साथ अहम मुद्दों पर बातचीत की। इस दौरान दोनों देशों के बीच बेसिक एक्सचेंज ऐंड कोऑपरेशन एग्रीमेंट (BECA) पर सहमति बन गई है।
भारत और अमेरिका ने बेसिक एक्सचेंज ऐंड कोऑपरेशन एग्रीमेंट (BECA) पर हस्ताक्षर किए हैं। रक्षा मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव जीवेश नंदन ने भारत की ओर से इस समझौते पर हस्ताक्षर किए।
भारत – अमेरिका के बीच आज राष्ट्रीय राजधानी में हुई दो दिवसीय टू प्लस टू वार्ता में दोनों देशों ने BECA समझौता (बेसिक एक्सचेंज एंड कोऑपरेशन एग्रीमेंट) पर हस्ताक्षर ही नहीं इसके अलावा भी कई अहम समझौतों पर हस्ताक्षर किए जा सकते हैं। यह बैठक ऐसे समय पर हो रही है जब भारत और चीन के बीच पूर्वी लद्दाख में नियंत्रण रेखा पर तनातनी जारी है। ऐसे में चीन की नजर भी भारत और अमेरिका के बीच हो रही इस बैठक पर है। वहीं दूसरी ओर अमेरिकी रक्षा और विदेश मंत्री ने राष्ट्रीय युद्ध स्मारक जाकर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की। इसके अलावा भी कई अहम समझौतों पर हस्ताक्षर किए जा सकते हैं।
वार्ता के दौरान रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि हमें खुशी है कि हमने BECA (बेसिक एक्सचेंज एंड कोऑपरेशन एग्रीमेंट) पूरा कर लिया है, इससे सूचनाएं साझा करने के नए रास्ते खुलेंगे। हम अमेरिका के साथ आगे के मुद्दों पर चर्चा करने के लिए उत्सुक हैं।
टू प्लस टू बैठक में अमेरिकी विदेश मंत्री माइकल पोंपियो ने कहा कि आज दो महान लोकतंत्रों के और करीब आने का शानदार अवसर है। हमारे पास कोरोना महामारी के बीच सहयोग, हिंद प्रशांत क्षेत्र में चीनी कम्युनिस्ट पार्टी की आक्रामकता समेत चर्चा के लिए कई अहम मुद्दे हैं।
रणनीतिक महत्व के मुद्दों पर चर्चा
NSA अजीत डोभाल ने साउथ ब्लॉक में अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोंपियो और अमेरिकी रक्षा सचिव मार्क एस्पर के साथ बैठक की। सूत्रों के मुताबिक, इस दौरान उन्होंने रणनीतिक महत्व के मुद्दों और चुनौतियों पर चर्चा की। सूत्रों का कहना है कि दोनों पक्षों ने साझा उद्देश्यों को आगे बढ़ाने और सभी डोमेन में क्षमताओं का निर्माण करने की आवश्यकता पर प्रकाश डाला, ताकि एक सुरक्षित, स्थिर और नियम-आधारित क्षेत्रीय और वैश्विक सुरक्षा वातावरण सुनिश्चित हो सके।
जानिए क्या है BECA समझौता
बैठक के दौरान रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि हमें खुशी है कि हमने BECA (बेसिक एक्सचेंज एंड कोऑपरेशन एग्रीमेंट) पूरा कर लिया है, इससे सूचनाएं साझा करने के नए रास्ते खुलेंगे। बेका से भारत मिसाइल हमले के लिए विशेष अमेरिकी डेटा का इस्तेमाल कर सकेगा। इसमें किसी भी क्षेत्र की सटीक भौगोलिक लोकेशन होती है।
BECA से जुड़ी 10 जरूरी बातें
BECA भारत के साथ अमेरिका का चौथा और अंतिम ‘मूलभूत’ करार है।दोनों देशों ने सैन्य सूचनाओं के आदान-प्रदान और सुरक्षित संचार व्यवस्था को बनाने के लिए पहले ही जनरल सिक्योरिटी ऑफ मिलिट्री इंफॉर्मेशन एग्रीमेंट (2002), लॉजिस्टिक्स एक्सचेंज मेमोरेंडम ऑफ एग्रीमेंट (2016), कम्युनिकेशंस कम्पेटिबिलिटी एंड सिक्योरिटी एग्रीमेंट (2018) पर हस्ताक्षर किए हैं।
BECA गोपनीय भू-स्थानिक डेटा के साथ-साथ महत्वपूर्ण सैन्य अनुप्रयोगों वाली अहम जानकारी तक भारत को प्रदान करेगा। BECA के तहत दोनों देश मानचित्र, समुद्री और वैमानिकी चार्ट, वाणिज्यिक और अन्य अवर्गीकृत इमेजरी, भूभौतिकीय, भू-चुंबकीय और गुरुत्वाकर्षण डेटा का आदान-प्रदान कर सकते हैं।
यह समझौता अमेरिका को उपग्रह और सेंसर से लिया गया संवेदनशील डेटा साझा करने की अनुमति देगा, जो भारत को बेहद सटीकता के साथ सैन्य लक्ष्यों को देख पाने में मदद करेगा। इसके अलावा भारत हिंद महासागर में चीनी युद्धपोतों के आवागमन या अन्य हरकतों पर कड़ी नजर रख सकेगा।
पाकिस्तान के मामले में देखा जाए तो अगर कभी बालाकोट की तरह एक और हवाई हमला होता है, तो भारत ऐसे लक्ष्यों को सफलतापूर्वक नष्ट किए जाने की अमेरिका के उपग्रह और अन्य माध्यम से मिलने वाले डाटा से पुष्टि कर सकेगा।
भारत सरकार ने कहा है कि इस समझौते पर हस्ताक्षर से दोनों देशों के सशस्त्र बलों के बीच संबंध और भी घनिष्ठ हो जाएंगे। यूपीए ने BECA के तहत भारत में गोपनीय सूचनाओं के संरक्षण और गोपनीय प्रयोगशालाओं तक पहुंच देने को लेकर चिंता जताई थी।
इन चिंताओं को नई दिल्ली और वाशिंगटन डीसी के बीच कई दौर की बातचीत के बाद ध्यान में लाया गया था। इसके बाद ही दोनों देशों के बीच सर्वकालिक उच्च स्तर पर संबंध के बाद इस समझौते पर अंतिम रूप से मुहर लगाई गई है।