रीसाइक्लिंग, प्लास्टिक प्रदूषण को रोकने के लिए इस समय सबसे बेहतर उपाय के तौर पर बड़ी तेजी से अपनाया जा रहा है। लेकिन ये उपाय प्लास्टिक से होने वाले नुकसान को कम करने के बजाय बढ़ा रहा है।
दरअसल, एक नए अध्ययन से पता चला है कि रीसाइक्लिंग की प्रक्रिया प्लास्टिक की विषाक्तता कम करने के बजाय उसे और बढ़ाती है। ग्रीनपीस द्वारा जारी नई रिपोर्ट “फॉरएवर टॉक्सिक: द साइंस ऑन हेल्थ थ्रेट्स फ्रॉम प्लास्टिक रिसाइक्लिंग” में यह जानकारी सामने आई है। यह रिपोर्ट प्लास्टिक प्रदूषण से निपटने के लिए पेरिस में हो रही इंटर गवर्नमेंटल नेगोशिएटिंग कमेटी के दूसरे सत्र से पहले जारी की गई है।
29 मई से 2 जून, 2023 तक होने वाली इस वार्ता का उद्देश्य देशों को एक साथ लाना और प्लास्टिक प्रदूषण को कम करने के लिए एक वैश्विक समझौता करना है।
इसी तरह, कीटनाशक, सफाई सॉल्वैंट्स और प्लास्टिक के कंटेनर से अन्य पदार्थ जो रीसाइक्लिंग श्रृंखला में प्रवेश कर रहे हैं, प्लास्टिक को दूषित कर सकते हैं।
इसी तरह पुनर्चक्रण प्रक्रिया, जिसमें प्लास्टिक को गर्म किया जाता है, उससे भी हानिकारक रसायन बढ़ सकते हैं।
प्लास्टिक उत्पादन, निपटान जैसी सुविधाएं अक्सर दुनिया भर में कमजोर, वंचित समुदायों के आसपास स्थित होती हैं। ऐसे में इनसे निकलने वाले हानिकारक रसायनों के संपर्क में आने से कैंसर, फेफड़ों की बीमारी और नवजातों के स्वास्थ्य पर दुष्प्रभाव का खतरा बढ़ जाता है।
स्वास्थ्य के लिए खतरा रीसाइक्लिंग
रिपोर्ट के अनुसार, बढ़ते प्लास्टिक के साथ-साथ रीसाइक्लिंग सुविधाओं में गंभीर आग की घटनाओं का खतरा भी बढ़ गया है, खासकर उन जगहों पर जहां इस्तेमाल की गई बैटरियों के साथ-साथ प्लास्टिक को ई-कचरे के रूप में भी इस्तेमाल किया जाता है।
वर्ष 2022 में अमेरिका और कनाडा में किए गए एक सर्वेक्षण में पता चला कि प्लास्टिक रीसाइक्लिंग और अपशिष्ट सुविधाओं में आग लगने के रिकॉर्ड 390 मामले थे। तुर्की की एक रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि उस देश में प्लास्टिक रीसाइक्लिंग सुविधाओं में आग लगने की संख्या 2019 में 33 से बढ़कर 2021 में 121 हो गई है।
इसी तरह पिछले 12 महीनों में अप्रैल 2023 तक, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, घाना, रूस, दक्षिणी ताइवान, थाईलैंड, यूनाइटेड किंगडम और यूएसए में फ्लोरिडा, इंडियाना, उत्तरी कैरोलिना में स्थित प्लास्टिक रीसाइक्लिंग सुविधाओं में बड़ी आग लगने के मामले सामने आए हैं।
2060 तक प्लास्टिक का उत्पादन हो जाएगा तीन गुना