दिल्ली नगर निगम के मेयर,डिप्टी मेयर सहित 6 स्टैंडिंग कमेटी के लिए सिविक सेंटर में 6 जनवरी को मतदान होना था,लेकिन मतदान शुरू होते ही भाजपा और आम आदमी पार्टी के पार्षदों में जमकर हाथापाई और मारपीट हुई। इस हाथापाई में कई पार्षदों को कुर्सियां उठाकर एक-दूसरे को मारते हुए भी देखा गया था,लेकिन अब ये लड़ाई दिल्ली की सड़कों पर जा पहुंची है।
एक तरफ जहां आम आदमी पार्टी के पार्षद और विधायक आज दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना के घर के बाहर प्रदर्शन करने पहुंचे, तो वहीं भाजपा के तमाम सांसद और नए पार्षद राजघाट पर धरना देते नजर आए। राजघाट पर दिल्ली के मुख्यमंत्री के खिलाफ हाथों में नारे लिखी तख्तियां लेकर पहुंचे भाजपा के तमाम पार्षदों ने जमकर नारेबाजी की है। भाजपा सांसद डॉ. हर्षवर्धन ने केजरीवाल सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि,यह वही केजरीवाल हैं, जो संविधान की दुहाई देते थे, लेकिन कल यानी 6 जनवरी को सदन में जिस तरीके से आम आदमी पार्टी के पार्षदों ने अराजकता फैलाई, पार्षदों पर कुर्सियां फेंकी गईं, वह बेहद शर्मनाक था।
दिल्ली भाजपा के कार्यकारी अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने केजरीवाल सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि भाजपा केजरीवाल सरकार और उनकी अराजकता से डरने वाली नहीं है। वहीं दूसरी तरफ आम आदमी पार्टी के पार्षदों ने पीठासीन अधिकारियों की नियुक्ति को लेकर दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना के घर के बाहर प्रदर्शन किया है। आम आदमी पार्टी के पार्षदों ने आरोप लगाया कि पीठासीन अधिकारी एलजी द्वारा नियुक्त किए गए पार्षदों को शपथ दिला रहे थे, जो कि पूरी तरह से असंवैधानिक था। इससे पहले इतिहास में इस तरह से उपराज्यपाल द्वारा नियुक्त किए गए पार्षदों को ‘कभी’ शपथ नहीं दिलाई गई। इस दौरान आम आदमी पार्टी के नेताओं ने उपराज्यपाल वीके सक्सेना के खिलाफ नारेबाजी की है।
क्या है वोटों का गणित
दिल्ली नगर निगम के चुनाव में आम आदमी पार्टी को 134, भाजपा को 104 और कांग्रेस को 9 सीटों पर जीत मिली थी,जिसमे आम आदमी पार्टी के पास बहुमत का आकड़ा है, जबकि भाजपा बहुमत से काफी पीछे दिख रही है। आम आदमी पार्टी के पास एमसीडी में 134 पार्षद, 3 राज्यसभा सदस्य और 13 विधायकों को मिलाकर 150 सदस्य होते हैं। वही भाजपा के पास 104 पार्षद हैं और 1 निर्दलीय पार्षद भी साथ में है। इस तरह उसका आंकड़ा 105 पर पहुंच गया है। इसके अलावा भाजपा के 7 सांसद और 1 विधायक को वोट मिलकर पार्टी 113 के आंकड़े पर पहुंच रही है। वहीं कांग्रेस के 9 पार्षद और निर्दलीय 2 पार्षद हैं। हालांकि अभी तक कांग्रेस ने इस चुनाव से खुद को बाहर रख रखा है। देखना तो यह है कि आगे चुनाव में क्या होता है।