साल दर साल छात्र आत्महत्या को लेकर एजुकेशन सिटी कोटा सुर्ख़ियों में बना रहता है। डिप्रेशन , पढाई का प्रेशर जैसे कई अन्य कारण है कि कोटा में प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे कई छात्र आत्महत्या के कदम उठा रहे हैं। हाल ही में कोटा से ही एक और मामला सामने आया है। जहां एक छात्र ने आत्महत्या कर ली है। छात्र मनीष उत्तर प्रदेश का रहने वाला था जो कि 6 महीने से कोटा में JEE की कोचिंग कर अपनी परीक्षा की तैयारी कर रहा था। खबरों अनुसार जवाहर नगर थाना इलाके के महावीर नगर फर्स्ट में हॉस्टेल की पांचवी मंजिल पर छात्र रह रहा था।
पुलिस अनुसार छात्र मनीष के पिता उससे मिल कर निकले थे। उन्होंने रात में केयर टेकर को कॉल करके बेटे से बात करवाने को कहा। केयरटेकर जब छात्र के कमरे पर पहुंचा तो उसने गेट नहीं खोला। जल्द ही इसकी जानकारी हॉस्टल संचालक को दी गई। संचालक के कहने पर जब केयरटेकर ने रोशनदान से झांककर देखा तो छात्र फंदे से लटका हुआ था। इसके बाद पुलिस को सूचना दी गई। पुलिस के मुताबिक इस मामले में आत्महत्या करने वाले छात्र के पास से कोई सुसाइड नोट बरामद नहीं हुआ है। हालांकि दोस्तों और अन्य लोगों की जानकारी अनुसार छात्र पढाई में कमजोर था। तैयारी को वो कवर नहीं कर पा रहा था। टेस्ट में उसके नंबर कम आ रहे थे। छात्र कोचिंग भी कम ही जाता था।
गौरतलब है कि इस साल कोटा में छात्र हत्या का यह कोई पहला मामला नहीं हैं। इससे पहले 3 अगस्त को भी आत्महत्या का एक मामला सामने आया था। डीएसपी धर्मवीर सिंह अनुसार 18 वर्षीय मृतक छात्र मनजोत छाबड़ा उत्तर प्रदेश के रामपुर का रहने वाला था। वह कोटा में चार महीने से रहकर नीट की तैयारी कर रहा था। डीएसपी के अनुसार सुबह साढ़े नौ बजे तक जब वह कमरे से नहीं निकला तो हॉस्टल में रहने वाले दोस्तों ने उसे बुलाने के लिए कॉल किया। लेकिन उसने कॉल रिसीव नहीं किया तो उसके दोस्त कमरे में गए लेकिन कमरा अंदर से बंद था। उसके बाद कोचिंग संचालक और पुलिस को फोन किया गया । पुलिस ने दरवाजा तोड़ बिस्तर पर पडे छाबड़ा के शव को बरामद किया।
कोटा में हर महीने छात्र आत्महत्या कर रहे हैं। हिन्दुस्तान की एक रिपोर्ट अनुसार इसी साल अगस्त के पहले सप्ताह तक 20 छात्रों ने आत्महत्या की। केवल अगस्त महीने मे छात्रों द्वारा आत्महत्या किए जाने के कुल तीन मामले सामने आए। इन छात्रों की उम्र 15 से 20 वर्ष है। लगातार बढ़ते ऐसे मामलों से जिला प्रशासन के लिए आत्महत्या को रोक पाना चुनौतीपूर्ण हो गया है। नवभारत की एक रिपोर्ट अनुसार पिछले साल कोटा में छात्रों की ओर से आत्महत्या के कम से कम 15 मामले दर्ज किए गए थे।
कोटा में छात्र आत्महत्या के बढ़ते मामलों को लेकर भाजपा नेता प्रह्लाद गुंजल ने शहर के दिग्गज नेताओं पर आरोप लगाते हुए कहा कि वे कोचिंग फैक्ट्रियों पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं, जो केवल रटने को बढ़ावा दे कर छात्रों पर दबाव डाल रहे हैं। उनके कहने अनुसार एनसीईआरटी की किताबों से बने 250 रुपये के नोट्स के लिए कोचिंग संस्थान 2.5 लाख रुपये क्यों लेते हैं? किसी भी अधिकारी ने कभी जाकर यह जांच क्यों नहीं की कि कैसे कोटा में कोचिंग सेंटर छात्रों के साथ उनके प्रदर्शन के आधार पर भेदभाव कर रहे हैं।
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