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कृषि कानूनों के विरोध के चलते बीजेपी से समर्थन वापिस लेने वाले निर्दलीय विधायक के घर समेत 40 टिकानों पर इनकम टैक्स की छापेमारी

किसान आंदोलन को समर्थन करने वाले और हरियाणा के निर्दलिय विधायक बलराज कुंडू के घर समेत 40 अन्य स्थानों पर इनकम टैक्स डिपार्डमेंट ने रेड मारी। बलराज 26 जनवरी को हुई ट्रैक्टर परेड में शामिल थे। पहले दिन से बलराज केंद्र सरकार द्दारा पारित तीन कृषि कानूनों के विरोध में किसानों का समर्थन कर रहे है। इतना ही नहीं उन्होंने 26 जनवरी की हिंसा के दौरान मारे गए किसानों के परिवार वालो को 2-2 लाख रूपए की आर्थिक मदद का ऐलान किया था, और टिकरी बॉर्डर पर किसान रसोई भी शुरू की थी। बलराज रोहतक के महस जिले से विधायक है। इनकम टैक्स ने उनके घर और हांसी मे्ं उनके ससुराल के घर पर भी छापेमारी की है। हालांकि इनकम टैक्स डिपॉर्डमेंट की तरफ से अभी तक इस मामले पर कोई टिप्पणी नहीं की है।

लगभग आधा दर्जन काफिले के साथ इनकम टैक्स की टीम बलराज के ससुराल सुबह 6 बजे पहुंची। घर पर विधायक की सास मैना देवी मौजूद थी। विधायक के रोहतक, दिल्ली और गुड़गांव स्थित दफ्तरों और दूसरे ठिकानों पर भी महकमे की टीमें मौजूद हैं। बलराज तब सुर्खियों में आए जब उन्होंने कृषि कानूनों के विरोध के चलते हरियाणा की बीजेपी सरकार से अपना समर्थन वापिस लिया। उन्होंने कहा था कि वह भ्रष्ट सरकार के मुख्यमंत्री से अपना समर्थन वापिस लेते है। इतना ही नहीं बलराज ने पूर्व की भाजपा सरकार में सहकारिता मंत्री रहे मनीष ग्रोवर पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया था, और उनके खिलाफ जांच की मांग की थी।

उन्होंने मनीष पर आरोप लगाते हुए कहा था कि ग्रोवर ने शुगर मिल में शीरे का घोटाला किया था, और रोहतक नगर निगम में भी भ्रष्टाचार किया था। हरियाणा की विधानसभा में कुल 90 सीटें है। 2019 में हुए विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने 40 सीटें जीती थी, तो वहीं कांग्रेस ने 31, इनेलो ने 1, निर्दलीय विधायक 7 और इनेलो से ही निकली जजपा ने 10 सीटें जीती थी। पूर्ण बहुमत न होने के कारण भाजपा को जजपा और निर्दलिय विधायकों का समर्थन मिला। जिसके चलते भाजपा ने 57 सीटों के आकड़े के साथ प्रदेश की दोबारा कमान संभाली थी।

जजपा के प्रमुख दुष्ंयत चौटाला को उप-मुख्यमंत्री बने। बलराज कुंडू के समर्थन वापिस लेने के बाद भाजपा के पास 56 विधायक रह गए है। जो विधानसभा में बहुमत का आंकड़ा है। कृषि कानूनों के विरोध के चलते ही इनेलो के अध्यक्ष अभय सिंह चौटाला ने अपनी विधायकी से इस्तीफा दे दिया था। बीजेपी को कृषि कानूनों के चलते सबसे ज्यादा नुकसान पंजाब-हरियाणा में ही हो रहा है। क्योंकि आंदोलन का ज्यादा प्रभाव इन्हीं दो राज्यों में रहा है।

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