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कोरोना महामारी में ‘आप’ की केन्द्र से मदद की दरकार, कुमार विश्वास का सियासी वार

ऐसे समय में जब पूरे देश में कोरोना महामारी का संकट फैला हुआ है। सभी राज्यों के मुख्यमंत्री महामारी पर कंट्रोल करने के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं। इसी समय दिल्ली में आर्थिक संकट की स्थिति पैदा हो गई है। यहां तक कि कर्मचारियों के लिए वेतन देने के लिए पैसा सरकार के पास नहीं है। इसके चलते दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने केंद्र सरकार की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन से 5000 करोड़ की आर्थिक मदद की मांग की है। इस नाजुक दौर में इस मामले को भी राजनीतिक नजरिए से देखा जाने लगा है।

कभी आम आदमी पार्टी का चेहरा रहे डॉ कुमार विश्वास ने इस मामले पर राजनीतिक कटाक्ष करके सियासी वार किया है। कुमार विश्वास ने ट्वीट करके दिल्ली की आप सरकार की घेराबंदी की है। हालांकि, कुमार विश्वास के महामारी के इस नाजुक दौर में किए गए इस सियासी वार को आमजन उनका नकारात्मक पक्ष मान रहा है। लोग कह रहे हैं कि ऐसे समय में कविराज डॉक्टर कुमार विश्वास को राजनीति नहीं बल्कि सलाह देनी चाहिए थी। लेकिन वह राजनीति पर उतर आए हैं।

कुमार विश्वास ने ट्वीट कर कहा है कि लाखों करोंड़ की चुनावी-रेवड़ियाँ, टैक्सपेयर्स के हज़ारों करोड़ अख़बारों में 4-4 पेज के विज्ञापन व चैनलों पर हर 10 मिनट में थोबड़ा दिखाने पर खर्च करके, पूरी दिल्ली को मौत का कुआँ बनाकर अब स्वराज-शिरोमणि कह रहे हैं कि कोरोना से लड़ रहे डॉक्टरों को सैलरी देने के लिए उनके पास पैसा नहीं हैं। कुमार विश्वास के इस ट्वीट पर यूजर्स जमकर रिएक्ट कर रहे हैं। कई लोगों का कहना है कि कुमार विश्वास को ऐसे समय में राजनीतिक कटाक्ष करने की बजाय आप को सलाह देनी चाहिए थी।

गौरतलब है कि दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने सरकार के पास पैसों की कमी के बारे में बोलते हुए कहा है कि अपने कर्मचारियों को केवल वेतन देने और ऑफिस के खर्च वहन करने के लिए 3500 करोड़ रुपये हर महीने की जरूरत है। दिल्ली के रेवेन्यू पर काफी असर पड़ा है। पिछले दो महीने में 500-500 करोड़ रुपये जीएसटी से आए हैं। अन्य स्रोतों से हुई आमदनी को भी जोड़ दें, तो कुल 1735 करोड़ रुपये का राजस्व आया है।

इसी के साथ दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया कहते हैं कि दिल्ली सरकार का टैक्स कलेक्शन करीब 85 फीसदी नीचे चल रहा है। हम अपने कर्मचारियों को वेतन कैसे दें इस बात को लेकर चिंता है। हमें लगभग 5000 करोड़ रुपये की जरूरत है। बहरहाल, वित्त मंत्री को पत्र लिखकर यह सहायता राशि तत्काल उपलब्ध कराने की मांग की गई है। जिससे दिल्ली सरकार अपने डॉक्टरों और अन्य कर्मचारियों को वेतन दे सके।

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