“आरएसएस” प्रमुख मोहन भागवत को ‘राष्ट्रपिता’ बताने वाले ऑल इंडिया इमाम संगठन के मुखिया डॉ. उमर अहमद इलियासी की मुस्किले बढ़ती जा रही हैं। अपने दिए गए बयान के चलते ये कट्टरपंथियों के निशाने पर आ गए हैं । इसे देखते हुए केंद्र सरकार ने उन्हें वाई प्लस सुरक्षा प्रदान की है। Y प्लस सुरक्षा में सीआरपीएफ के काबिल जवानों का कवर दिया जाता है। इस कैटेगरी की सुरक्षा में जो जवान होते हैं वे सीआरपीएफ के होते हैं। इसमें से एक से दो जवान कमांडो भी होते हैं। दरअसल मोहन भागवत को राष्ट्रपिता संबोधित करने की वजह से इलियासी को कट्टरपंथियों की तरफ से धमकियां मिल रही हैं।
इलियासी मोहन भागवत से पिछले महीने दिल्ली में मिले थे। जिसके बाद उन्होंने मोहन भागवत को न केवल राष्ट्रपिता माना बल्कि उन्हें ऋषि भी कहा। बढ़ते विवादों और इलियासी के सुरक्षा के चलते केंद्र सरकार को Y+ सुरक्षा का निर्णय लेना पड़ा। सूत्रों के अनुसार आईबी की रिपोर्ट के बाद ग्रहमंत्रलय ने यह सुरक्षा मुहैया की है। दरअसल चीफ इमाम के मुताबिक उन्हें फ़ोन पर धमकियां दी जा रहीं थी। उन्हें इंग्लैंड से फोन आया था। डॉ. उमर अहमद इलियासी के कहने अनुसार ‘एक शख्स ने पहले फोन कर नाराजगी जताई फिर अपशब्दों का प्रयोग किया और धमकी दी।
खास बात यह है कि धमकियां मिलने के बावजूद वे अपने शब्दों पर कायम है। चीफ इमाम के अनुसार मोहन भागवत को उन्होंने बुलाया था। उन्हें राष्ट्रपिता और राष्ट्रऋषि भी कहकर सम्बोधित किया था और वे इन शब्दों को वह वापस नहीं लेंगे,परिणाम चाहे जो भी हो। उन्होंने थाने में धमकी को लेकर शिकायत भी दी है । जिसकी जानकारी सरकार समेत एजेंसियों को भी है। 22 सितंबर को दिल्ली के कस्तूरबा गांधी मार्ग पर स्थित एक मस्जिद में मोहन भागवत और डॉ. उमर अहमद इलियासी के बीच मुलाकात हुई थी। इसके बाद दोनों उत्तरी दिल्ली के आजादपुर में स्थित एक मदरसे में गए थे। उस दौरान भागवत जब बच्चों से बात कर रहे थे, तभी इलियासी ने उन्हें ‘राष्ट्रपिता’ कहकर सम्बोधित किया था । उस समय उन्होंने कहा था कि मोहन भागवत मेरे निमंत्रण पर आए हैं। वह ‘राष्ट्र-पिता’ और ‘राष्ट्रऋषि’ हैं, उनकी इस यात्रा से देश में एक अच्छा संदेश जाएगा। उन्होंने उस दौरान कहा था कि भगवान की पूजा करने के हमारे तरीके अलग हैं लेकिन सबसे बड़ा धर्म मानवता का है।
कौन हैं अहमद इलियासी
इमाम उमर अहमद इलियासी ऑल इंडिया इमाम ऑर्गनाइजेशन के चीफ हैं। देश भर की हजारों मस्जिदे इस संगठन से जुड़ी हुई हैं। यही नहीं इन्हें अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रमुख प्रगतिशील धार्मिक गुरु के तौर पर भी जाना जाता है। अहमद इलियासी धार्मिक सद्भाव बढ़ाने के लिए जैन, बौद्ध, ईसाई, हिंदू, धर्मगुरुओं से विचार -विमर्श करते रहते हैं । अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इन्हे कई बार प्रतिष्ठित पुरस्कार मिल चुके हैं।