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सरकार ने बजट को जनहित में बताया तो विपक्ष ने पूंजीपतियों के 

संसद में देश का आम बजट कल एक फरवरी को पेश हो चुका है। तमाम राजनीतिक पार्टियों ने बजट को लेकर सरकार पर तीखा हमला किया है। इस बार के बजट में  आम आयकरदाताओं को बजट 2021 में कोई राहत नहीं मिली है। केवल 75 साल से अधिक उम्र वालों को अब आयकर रिटर्न भरने की आवश्यकता नहीं होगी। वहीं सरकार ने किसानों की आय को दोगुना करने का लक्ष्य रखा है। शहरी, ग्रामीण स्वच्छता के लिए सरकार ने बजट में प्रावधान किए हैं। स्वच्छ हवा के लिए भी सरकार ने अपना पिटारा खोला है। सरकार ने रेलवे के लिए राष्ट्रीय रेल योजना 2030 तैयार करने का प्रावधान किया है। जल्द ही वॉलेंट्री स्क्रैप पॉलिसी को लॉन्च किया जाएगा।

बीमा क्षेत्र में 74 फीसदी तक एफडीआई को मंजूरी दी गई है। प्रवासी मजदूरों के लिए एक पोर्टल बनाया जाएगा। जिसमें उन जुड़ी जानकारी होगी। कई सरकारी कंपनियों के विनिवेश का भी एलान किया गया। लेह में केंद्रीय विश्वविद्यालय बनाया जाएगा और अनुसूचित जाति के 4 करोड़ विद्यार्थियों को 35 हजार करोड़ रुपये दिए जाएंगे। बजट में इस साल राजकोषीय घाटा के 6.8 फीसदी तक रहने का अनुमान किया गया है। सरकार ने जहां सोने और चांदी से कस्टम ड्यूटी को घटाया है, वहीं मोबाइल और चार्जर को महंगा कर दिया है।

संपतियों को पूंजीपति दोस्तों को सौंपने की योजना -राहुल गांधी

 केंद्र  सरकार के इस बार के बजट को लेकर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा है कि सरकार लोगों के हाथ में पैसा देना भूल गई  है और उसकी योजना भारत की संपत्तियों को अपने पूंजीपति दोस्तों को सौंपने की है। वहीं कांग्रेस के राज्यसभा सांसद आनंद शर्मा ने कहा है कि बजट पूरी तरह निराशाजनक है और इसमें वृद्धि और उपभोक्ता की मांग को बढ़ाने का कोई रोडमैप नहीं है।

उन्होंने कहा है कि वित्त मंत्री को हिम्मत दिखानी चाहिए थी लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया। इस वक़्त देश को एक मजबूत, मांग को बढ़ाने के लिए समाज के कमजोर वर्गों के बीच डायरेक्ट ट्रांसफ़र को बढ़ावा देने और रोज़गार को फिर से शुरू करने वाले बजट की ज़रूरत थी।’ हालांकि उन्होंने बजट में वन नेशन, वन राशन कार्ड और स्वास्थ्य के क्षेत्र में खर्च बढ़ाए जाने की तारीफ़ की है । कांग्रेस ने कहा है कि  सरकार की नीतियों के कारण सरकारी उधारी में लगातार बढ़त दर्ज की जा रही है और सरकार की नीतियों ने देश की अर्थव्यवस्था को तबाह कर दिया है।

 आम आदमी पार्टी ने कसा तंज 

आम आदमी पार्टी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘मैं देश नहीं बिकने दूंगा!’ के नारे पर तंज कसते हुए कहा है कि सरकार रेल, सड़क, एयरपोर्ट, बिजली, किसानी, वेयरहाउस को बेच देगी लेकिन बातें देश नहीं बिकने देने की करेगी।

तृणमूल कांग्रेस ने कहा फर्जी बजट

तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने कहा है कि भारत का पेपरलैस बजट 100 फ़ीसदी बिना विजन का रहा। पार्टी के सासंद डेरेक ओ ब्रायन ने इसे फर्जी बजट बताते हुए कहा कि यह भारत को बेचने वाला बजट है। उन्होंने कहा है कि रेलवे, एयरपोर्ट्स, बंदरगाह, इंश्योरेंस और 23 सार्वजनिक उपक्रमों को बेच दिया गया।  बजट में आम लोगों व किसानों को दरकिनार कर दिया गया और इससे अमीर लोग और अमीर जबकि ग़रीब लोग और ग़रीब होंगे। उन्होंने कहा कि मध्य वर्ग के लिए इसमें कुछ नहीं है।

सरकार ने उम्मीदों के किया पूरा ”नीति आयोग के सीईओ राजीव कुमार

नीति आयोग के सीईओ राजीव कुमार ने एएनआई से कहा है कि वित्त मंत्री ने बजट 2021 को लेकर काफी उम्मीदें जगाई थीं और उन्होंने उन सभी को पूरा किया है। कुमार ने कहा कि बजट का फ़ोकस भारत की वृद्धि दर को बढ़ाने पर है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की दक्षिण-पूर्व एशिया की क्षेत्रीय निदेशक डॉ. पूनम क्षेत्रपाल ने एएनआई से कहा कि बजट में स्वास्थ्य के क्षेत्र पर ध्यान देने से साफ होता है कि भारत कोरोना से लड़ने के लिए प्रतिबद्ध है और वह स्वास्थ्य क्षेत्र को मजबूत बनाना चाहता है। उन्होंने कहा कि भारत ने दूसरे देशों को भी कोरोना वैक्सीन देकर उनकी मदद की है।

स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए बढ़ाया बजट ,वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए 2.23 लाख करोड़ रुपये का बजट रखा है। उन्होंने कहा कि यह पिछले साल के मुक़ाबले 137 फ़ीसदी ज़्यादा है। उन्होंने नई स्वास्थ्य योजना का एलान करते हुए कहा कि इस पर 64 हज़ार करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। वित्त मंत्री ने 2021 का बजट पेश करने के दौरान कहा कि कोरोना से देश के लोगों को बचाने के लिए वर्तमान में 2 वैक्सीन उपलब्ध हैं और यह 100 से ज़्यादा देशों को उपलब्ध भी कराई गई हैं। निर्मला सीतारमण ने कहा है कि उनकी सरकार किसानों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है। निर्मला सीतारमण ने दावा किया कि एमएसपी डेढ़ गुना कर दिया गया है।

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