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अस्पताल का बिल जमा नहीं कर पाया परिवार तो बुजुर्ग मरीज को बेड से बांधा

अस्पताल का बिल जमा नहीं कर पाया परिवार तो बुजुर्ग मरीज को बेड से बांधा

मध्यप्रदेश से मानवता को शर्मसार कर देने वाला एक मामला सामने आया है। यह मामला शाजापुर जिले के एक प्राइवेट अस्पताल का है जहां इलाज का बिल नहीं मिलने पर अस्पताल संचालक ने बुजुर्ग को बेड पर रस्सियों से बांध दिया। बताया जा रहा है कि बुजुर्ग को करीब एक हफ्ते पहले अस्पताल में भर्ती कराया गया था। जब परिजनों ने बुजुर्ग की अस्पताल से डिस्चार्ज करानी चाही तो अस्पताल प्रबंधन ने लंबा-चौड़ा बिल थमा दिया।

ग्यारह हजार रुपये देने के बावजूद बुजुर्ग को अस्पताल संचालक ने रस्सियों से बांध दिया। परिवार का कहना है कि उन्हें कई दिनों से खाना भी नहीं दिया जा रहा। बुजुर्ग की बेटी का कहना है कि अस्पताल में दो बार इलाज करवाने के लिए रुपये जमा करवा चुके हैं। लेकिन जब हमने कहा कि अब रुपये नहीं हैं और हमें घर जाने दो। इस पर अस्पताल कर्मियों ने बकाया राशि वसूलने के बदले पिता को पलंग से बांध दिया। वहीं, अस्पताल के मैनेजर ने बिल के कारण पलंग से बांधने की बात को गलत बताया है।

बुजुर्ग को बांधे जाने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। इस पूरे मामले पर संज्ञान लेते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ट्वीट कर लिखा, “शाजापुर के एक अस्पताल में वरिष्ठ नागरिक के साथ क्रूरतम व्यवहार का मामला संज्ञान में आया है। दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा, सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी।”

बुजुर्ग व्यक्ति रानायर गांव के रहने वाले हैं। पांच दिन पहले उनके पेट में तकलीफ के कारण उन्हें शाजापुर जिला अस्पताल लाया गया था। वहां बुजुर्ग की हालत ठीक नहीं होने के कारण डॉक्टरों ने इंदौर या उज्जैन ले जाने के लिए कहा था। लेकिन पैसे की तंगी के कारण बेटी ने पिता को शाजापुर स्थित सिटी हॉस्पिटल में भर्ती कराया। अस्पताल के डॉक्टरों ने पांच दिन तक मरीज का इलाज किया, इस दौरान एक बार 6 हजार और दूसरी बार 5 हजार की राशि जमा भी कराई थी।

लेकिन शुक्रवार को जब पिता को घर ले जाने की बात कही तो अस्पताल प्रबंधन ने इलाज के खर्च की बकाया रकम का जमा करने को कहा। जिसपर बुजुर्ग की बेटी ने कहा कि अब हमारे पास बिल चुकाने के लिए पैसे नहीं हैं। आप पिता को लगाई पेशाब नली निकाल दो, हमें घर जाना है। इसके बाद हम फाइल लेने गए तो उन्होंने कहा कि 11,270 रुपये और जमा कराएं उसके बाद इन्हें घर लेकर चले जाना। हमने कहा कि हमारे पास अब पैसे नहीं है। इसपर अस्पताल कर्मियों ने हमारे पिता को पकड़कर पलंग से बांध दिया। उन्होंने हमें फाइल भी नहीं दी। उन्होंने हमारे बीमार पिता को तीन-चार दिन से ठीक से खाना-पानी भी नहीं दिया।

हालांकि, शुक्रवार देर रात जब इस बात की सूचना स्थानीय लोगों को हुई तो सभी अस्पताल पहुंचकर बुजुर्ग को अस्पताल से छुड़वाया। दूसरी ओर अस्पताल के मालिक डॉक्टर वरुण बजाज का कहना है, “बुजुर्ग को दिमागी बुखार है। उन्हें झटके भी आ रहे थे। उसके छटपटाने से बोतल लगाने के बाद सुई के टूटने का खतरा रहता है। इसलिए रस्सी से बांधा गया था। ऐसे मरीजों को कंट्रोल करने के लिए ऐसा किया जाता है। बकाया बिल जमा करने को लेकर कोई बात ही नहीं हुई थी।”

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