आज तक आपने मूछों की लड़ाई के बारे में सुना होगा। जिसमें मूछों पर ताव देते हुए लोग अपनी प्रतिष्ठा का प्रश्न चिन्ह बताते हैं । साथ ही जब किसी मुद्दे पर लड़ाई लड़ते हैं तो उसे जीत – हार में बदलने से पहले मूछों की लड़ाई करार दिया जाता है । लेकिन राजस्थान का एक इलाका ऐसा भी है जहां मूछों की लड़ाई से भी बढ़कर एक मामला सामने आया है।
हालांकि यह मामला भी मूछों से जुड़ा हुआ है । लेकिन शायद यह पहली बार हुआ है जब किसी दलित युवक को ऊंची जाति वालों ने अपनी मूंछ नीचे करने की बात कही हो। ऊंची जाति वालों को दलित युवक की रौबदार मूंछ फूटी आंख नहीं सुहाती थी।
दलित युवक की रौबदार मूछें गांव में चर्चा का विषय बनी हुई थी । इससे चिड़कर ऊंची जाति वालों ने दलित युवक को पहले तो मूछें कटाने का फरमान जारी किया । लेकिन जब उसने मूछें नहीं कटाई और ना ही नीचे कराई तो उसे गोलियों से भून दिया गया।

यह मामला है राजस्थान के जिले बीकानेर का। जहां के गांव फतोही में दलित युवक प्रदीप कुमार अपने परिवार के साथ रहता था । प्रदीप कुमार मेघवाल समुदाय से था। शुरू से ही उसे बड़ी और रौबदार मूंछ रखने का शौक था । जिसके चलते वह अपने गांव फतोही में मशहूर हो गया था।
अक्सर प्रदीप की मूछों की चर्चा होने के चलते गांव में ऊंची जाति के लोग उससे खफा हो गए। ऊंची जाति वाले लोग प्रदीप को मूंछे कटवा लेने की धमकी दिया करते थे। बताया जा रहा है कि प्रदीप ऊंची जाति वालों की इस धमकी को नजरअंदाज करता गया। लेकिन यह किसी ने भी नहीं सोचा था कि उसकी यह नजरअंदाजी एक दिन उसकी जान पर बन आएगी।
बताया जा रहा है कि प्रदीप कुमार हिंदूमलकोट गांव के पास कुछ सामान लेने जा रहा था । तभी रास्ते में ऊंची जाति के लोगों ने उसे घेर लिया और मुझे कटाने या नीचे कराने को कहा । प्रदीप ने स्पष्ट कह दिया कि वह ना मूछें कटाएगा और ना ही नीचे कराएगा।
बताया जा रहा है कि प्रदीप के मूछों को ना कटाने की बात कहते ही उसके साथ खूब मारपीट की गई । तब भी वह नहीं माना तो आरोपियों ने उसके सिर में सटाकर गोली मार दी। जिससे प्रदीप का भेजा उड़ गया । प्रदीप की मौत की खबर सुनते ही पूरे परिवार पर मानो बिजली सी पड़ गई । मृतक प्रदीप के परिजनों ने तीन लोगों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई है। जिसमें दो लोग नाबालिग है । फिलहाल दोनों को पुलिस ने हिरासत में ले लिया है। जबकि एक आरोपी भानु सिंह फरार बताया जा रहा है।