विकास दुबे प्रकरण में उत्तर प्रदेश पुलिस की छवि दागदार हुई है। इस प्रकरण में पुलिस की भूमिका पर सवाल उठे हैं। पुलिस अगर भेदिए की भूमिका में नहीं होती तो शायद कानपुर के 8 जवान नहीं मारे जाते। यह साबित हो चुका है कि पुलिसकर्मियों ने ही पूर्व में विकास दुबे को उसके यहां रेड पडने की सूचना दी थी। जिससे वह पहले से ही हमला करने की तैयारी कर चुका था। जिसमें 8 पुलिसकर्मी शहीद हो गए थे।
हालांकि, आरोपी पुलिसकर्मी जेल जा चुके हैं। और गैंगस्टर विकास दुबे एनकाउंटर में मारा जा चुका है। लेकिन कानपुर कांड के बाद अब पुलिस में छुपे बैठे कानून की धज्जियां उड़ाने वाले उनके ही पुलिसकर्मियों पर सवालिया निशान उठने लगे हैं। यह शायद योगी सरकार के पिछले 3 साल के कार्यकाल में पहला मौका है जब उनकी ही पार्टी के एक विधायक ने यह अजीब मांग की है।
बरेली के बिथरी-चैनपुर विधायक राजेश कुमार मिश्रा उर्फ पप्पू भरतौल ने बरेली जोन के डीआईजी को एक पत्र लिखा है। जिसमें उन्होंने थानों में लगने वाली टॉप 10 अपराधियों की सूची के साथ ही टॉप 10 पुलिस कर्मियों की ऊंची लगाने की मांग की है। यह टॉप टेन पुलिसकर्मी ऐसे होंगे जिन पर थानों में बैठकर गुंडागर्दी करने, वेश्यावृत्ति कराने, गोकशी कराने समेत तमाम गैरकानूनी काम करने के आरोप होंगे । भाजपा विधायक राजेश मिश्रा उर्फ पप्पू भरतौल का यह पत्र सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है।
बीजेपी विधायक ने डीआईजी को लिखित पत्र में कहा है कि जिले के सभी थानों में जो भी कुख्यात बदमाशों की सूची बनाई जाए उसमें कुख्यात पुलिसकर्मियों की भी सूची बनाई जाए। क्योंकि बदमाशों के साथ-साथ पुलिस भी बराबर की हिस्सेदार हैं, जो हकीकत में निर्दोषों पर कार्रवाई करती है और अपराधिक किस्म के व्यक्तियों से सांठगांठ कर अपराध को बढ़ावा देती है।
उन्होंने कहा कि आपके द्वारा अपराधी श्री प्रकाश शुक्ला जैसे अनेकों अपराधियों को एनकाउंटर कर मार गिराया गया। ऐसे ही जिले के सभी थानों में तैनात पुलिसकर्मी जो कि भ्रष्टाचार, खनन, तस्करी, जुआ, सट्टा, शराब, गोकशी वेश्यावृत्ति आदि अनेकों अवैध कार्य करा रहे हैं। उनकी भी सूची बनाकर कोई ठोस कार्रवाई की जाए।
पत्र में विधायक ने कहा कि आज के समाचार पत्र में जनता को आप की यह खबर जानकर बहुत खुशी हुई जिसमें कुख्यात टॉप टेन अपराधों बदमाशों पर आपके द्वारा वाकई ठोस कदम उठाया गया है, जो कि बहुत प्रशंसनीय है। इसके साथ-साथ जनता यह भी जानना चाहती है की पुलिस महकमे में जो टॉप टेन पुलिसकर्मी है जो की वर्दी की आड़ में सभी गैर कानूनी कार्य को अंजाम देकर पुलिस को बदनाम कर रहे हैं, उनके कर्मों का भी भंडाफोड़ होना चाहिए।
भाजपा विधायक भरतौल ने डीआईजी की प्रसंसा करते हुए कहा कि आप बहुत ईमानदार छवि के अधिकारी हैं। जनता को आप जैसे अधिकारियों का सदैव इंतजार रहता है। आपके द्वारा उठाए गए ठोस कदमों से जनता बहुत खुश रहती है । आपकी कार्यशैली द्वारा जनता समय को सुरक्षित महसूस कर रही है। हकीकत में पुलिस महकमे को आप जैसे अधिकारियों की अत्यंत आवश्यकता है। अतः आपसे जनता को बहुत उम्मीद है।
वह आगे कहते हैं कि जनहित को दृष्टिगत रखते हुए जिले के टॉप टेन को ख्यात बदमाशों के साथ-साथ जिले के सभी थानों के टॉप टेन कुख्यात पुलिसकर्मियों की भी सूची जारी की जाए। यह सूची समाचार पत्र में प्रकाशित की जाए और कोई ठोस कार्रवाई की जाए। जिससे वाकई जिले में न्याय व्यवस्था स्थापित हो सके और जनता को सुरक्षित महसूस कर सकें।
बीजेपी विधायक की इस अनोखी मांग की चहुँ ओर चर्चा है। हालांकि, बेशक बीजेपी विधायक ने पहली बार लीक से हटकर बात कही है, लेकिन इस बात में दम जरूर है। आज जिस तरह से थानों से खाकी की आड़ में पुलिसकर्मी अपराधियों को संरक्षण दे रहे हैं और खुद अवैध कार्यों में लिप्त रहते हैं उससे पुलिस की छवि पर दाग लगे हैं। खाकी के दामन पर लगे दाग उत्तर प्रदेश ही नहीं कई प्रदेशों की पुलिस को कई बार कटघरे में खड़ा कर चुके है।
इस मामले में विधायक का पुलिस अधिकारी को लिखा गया पत्र वायरल होने के बाद बरेली के डीआईजी राजेश पांडेय ने कहा है कि रेंज में दागदार पुलिस वालों के खिलाफ कार्रवाई करेंगे। भ्रष्टाचार और अपराधियों से सांठगांठ के आरोप पाए गए तो उन्हें बर्खास्त भी किया जायेगा।