विश्वभर के देश कोरोना वैक्सीन बनाने के लिए रात-दिन मेहनत कर रहे हैं। भारत भी दुनिया के अन्य देशों की तरह कोरोना प्रसार को रोकने लिए एक टीका विकसित करने के लिए कड़ी मेहनत कर रहा है। इसी बीच दो कंपनियां भारत बायोटेक और ज़ीडस कैडिला टीके के नैदानिक परीक्षण चरण तक पहुंच चुके हैं। भारत बायोटेक द्वारा विकसित वैक्सीन के मानव परीक्षण देशभर के छह शहरों में शुरू हो गए हैं।
शुक्रवार को 30 वर्षीय व्यक्ति को दिल्ली के एम्स अस्पताल में भारत बायोटेक द्वारा विकसित कोवलिन वैक्सीन की 0.5 मिली खुराक दी गई। भारत बायोटेक और ज़ीडस कैडिला को चरण-1 और चरण-2 मानव परीक्षण के लिए अनुमति दी गई है। भारत बायोटेक ने ICMR और NIV की मदद से कोवासीन विकसित किया है।
COVID-19: AIIMS administers first dose of COVID-19 candidate vaccine `Covaxin' to 30-year-old Delhi resident
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— ANI Digital (@ani_digital) July 24, 2020
Covaxin का परीक्षण AIIMS, पटना और रोहतक सहित 12 अस्पतालों में किया जाएगा। पहले चरण में 18 से 55 वर्ष के बीच के 500 स्वयंसेवकों का परीक्षण किया जाएगा। ज़ीडस द्वारा विकसित Zykov-D का वर्तमान में अहमदाबाद में परीक्षण किया जा रहा है। Zykov-D के परीक्षण जल्द ही देश भर के अन्य शहरों में शुरू होंगे। Zykov-D वैक्सीन पशु परीक्षणों में सफल रहा है।
नई दिल्ली, हैदराबाद, पटना, कांचीपुरम और रोहतक में कोवाइसिन के लिए टेस्ट शुरू हो गए हैं। कोविन के लिए टेस्ट जल्द ही नागपुर, भुवनेश्वर, बेलगाम, गोरखपुर, कानपुर, गोवा और विशाखापत्तनम में शुरू होंगे।
एम्स में सामुदायिक चिकित्सा केंद्र के प्रोफेसर और मुख्य अध्ययनकर्ता डॉक्टर संजय राय के मुताबिक, दिल्ली के एम्स में कोवासीन वैक्सीन की खुराक दिए जाने के बाद वॉलन्टियर को दो घंटे तक निगरानी में रखा गया। कोई गंभीर दुष्प्रभाव नहीं पाए गए। अभी फ़िलहाल उन्हें घर भेज दिया गया है। हम दो दिनों में इसकी फिर से जांच करेंगे।