[gtranslate]
Country

तंवर और हुड्डा की फांस को कैसे सुलझाएगी सोनिया

 

हरियाणा कांग्रेस की हिचकोले खाती राजनीति में ऊंट किस करवट बैठेगा यह तो समय ही बताएगा। लेकिन फिलहाल कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी के सामने संकट की स्थिति हैं। पार्टी सुप्रीमो फिलहाल प्रदेश में पूर्व मुख्यमंत्री भुपेंद्र सिंह हुड्डा और प्रदेश अध्यक्ष अशोक तंवर की फसी फांस को सुलझाने में इस कदर उलझी हुई है कि कोई मजबूत फैसला नही ले पा रही है।

ऐसे में जब प्रदेश में विधानसभा चुनावो का बिगुल बजने वाला है। भाजपा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर जन संदेश यात्रा निकालकर जनता के बीच अपनी उपलब्धिया गिना रहे है तो दुसरी तरफ कांग्रेस के दो दिग्गज पार्टी की अंदरुनी कमजोरी को उजागर कर पार्टी को करने में लगे है।

कुछ दिनों पूर्व से हरियाणा कांग्रेस में यह चर्चा चल रही थी कि अगर पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा और सोनिया गांधी की मुलाकात हो जाए तो शायद पार्टी गुटबाजी के संकट से उबर जाए । लेकिन गुरुवार को यह बात भी पूरी हो गई । कांग्रेस के हरियाणा प्रभारी गुलाब नबी आजाद ने भूपेंद्र सिंह हुड्डा और सोनिया गांधी की मुलाकात भी करा दी ।लेकिन इस मुलाकात के बाद भी कांग्रेस की राजनीति में गुटबाजी से उभरने का कोई रास्ता निकलता फिलहाल तो नहीं दिखाई दे रहा है ।

 

बहरहाल,कांग्रेस में सोनिया गांधी के सामने विचित्र स्थिति पैदा हो गई है । उसका कारण गुरुवार को हुड्डा से उनकी मुलाकात है। बताया जा रहा है कि
पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने सोनिया गांधी से मुलाकात में अपनी जो शर्तें रखीं, उन्होंने कांग्रेस आलाकमान का सिरदर्द और बढ़ा दिया है ।

सूत्रों की मानें तो हुड्डा ने सोनिया गांधी से मुलाकात के दौरान अशोक तंवर को प्रदेश अध्यक्ष पद से हटाने और अपने आपको मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित किए जाने की मांग रखी है। इसके अलावा उन्होंने अपने बेटे दीपेंद्र सिंह हुड्डा के लिए भी पद मांगा है। फिलहाल इस पर सोनिया ने किसी तरह का कोई फैसला नहीं लिया है।

गौरतलब है कि गुरुवार को पूर्व मुख्यमंत्री हुड्डा की 10 जनपथ पर सोनिया गांधी से हुई मुलाकात के दौरान प्रदेश प्रभारी राष्ट्रीय महासचिव गुलाम नबी आजाद भी मौजूद थे । जिसमें हुड्डा ने सोनिया के समक्ष तंवर को अध्यक्ष पद से हटाने की शर्त रखी है।

प्रदेशाध्यक्ष अशोक तंवर को हटाने की जिद पर अड़े हुड्डा को सोनिया ने इस मुलाकात में साफ तौर पर यही नसीहत दी है कि पहले प्रदेश कांग्रेस के नेता गुटबाजी दूर करें उसके बाद इस पर सोचा जाएगा। शायद यही वजह रही कि सोनिया से मुलाकात के बाद हुड्डा ने मीडिया से कोई बात नहीं की और वह चुपचाप 10 जनपथ से निकल गये।

इस तरह नई पार्टी का गठन कर बागी बनने की ओर पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने सोनिया गांधी के समक्ष अपने शर्त रखकर गेंद उनके पाले में डाल दी है । लेकिन फिलहाल सोनिया गांधी इस मामले पर फैसला लेने पर अपने आप को सक्षम साबित नहीं कर पा रही है । उसके पीछे का कारण कांग्रेस के नेता बताते हैं की पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अशोक तंवर राहुल गांधी ने नियुक्त किए थे ।तंवर पर राहुल गांधी का पूरा पूरा हाथ रहा है ।

ऐसे में अगर सोनिया तंवर को पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष से हटाती है तो हरियाणा में ही नहीं बल्कि पूरे देश की कांग्रेस राजनीति में गलत मैसेज जा सकता है । वह यह कि सोनिया गांधी राहुल गांधी के समर्थकों के पर कतर रही है । सोनिया गांधी ऐसा संदेश पार्टी में फिलहाल तो देने के मुंड में नहीं है । ऐसे में सोनिया गांधी के सामने असमंजस की स्थिति आ गई है कि वह किसका पक्ष ले,हुड्डा का या तंवर का ?

You may also like

MERA DDDD DDD DD