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कैसे मिली यूपी के मंत्री को करोडों की जमीन कौड़ियों के भाव?

कपिलवस्तु में अपने भाई को सिद्धार्थ विश्विद्यालय में गरीब कोटे से असिस्टेंट प्रोफेसर बनाने और इस्तीफा दिलाने के बाद अब उत्तर प्रदेश के बेसिक शिक्षा मंत्री डॉ. सतीश द्विवेदी एक नए विवाद में फंस गए हैं। अब उन पर करोडों की जमीन को कोडियो के भाव खरीदने के आरोप लग रहे हैं। डॉ. सतीश द्विवेदी पर आरोप है कि उन्होंने सवा करोड़ की जमीन महज 20 लाख रुपए में खरीदी है। इस मामले में विपक्ष मंत्री पर हमलावर हो गया है। समाजवादी पार्टी और आम आदमी पार्टी के नेताओं ने बेसिक शिक्षा मंत्री डॉक्टर सतीश त्रिवेदी को कटघरे में खड़ा कर दिया है।

समाजवादी पार्टी के नेता सुनील यादव और आम आदमी पार्टी के प्रवक्ता और सांसद संजय सिंह ने शिक्षा मंत्री डॉ. सतीश द्विवेदी को इस मुद्दे पर जमकर घेरा है। दोनों पार्टी के नेताओं ने ट्विटर पर चार रजिस्ट्री की फोटो शेयर कर दावा किया है कि जमीन की रजिस्ट्री सतीश द्विवेदी और उनकी मां के नाम पर है। उनका आरोप है कि जमीन मार्केट रेट से बहुत कम दाम पर खरीदी गई है।

सुनील यादव की मानें तो सतीश द्विवेदी ने जिस जमीन की कीमत 65.45 लाख रुपए थी, उसे 12 लाख रुपए में खरीदा गया है। जबकि इस जमीन की मार्केट वैल्यू 1.26 करोड़ रुपए थी। जिसे महज 20 लाख रुपए में खरीद लिया गया।

सपा नेता ने ट्वीट कर लिखा, “गरीब का हक मार कर ईडब्लयूएस कोटे के तहत अपने भाई की फर्जी नियुक्ति कराने वाले सीएम योगी आदित्यनाथ जी के ईमानदार बेसिक शिक्षा मंत्री जी, करोड़ों की जमीन 20 लाख में बैनामा कराने का भी हुनर रखते हैं। अब समझ में आ रहा है कि भाई ने इस्तीफा क्यों दिया! योगीजी आपके मंत्री कब इस्तीफा देंगे?”

यूपी के प्रभारी और आम आदमी पार्टी के प्रवक्ता सांसद संजय सिंह ने शिक्षा मंत्री डॉ सतीश द्विवेदी को बर्खास्त करने की मांग करते हुए योगी सरकार से कहा है कि वह मंत्री के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराएं साथ ही बताए कि मंत्री के पास इतना पैसा आया कहां से? संजय सिंह ने आरोप लगाया कि 2017 में मंत्री बनने के बाद बेसिक शिक्षा मंत्री ने तमाम अनाप-शनाप जमीन खरीद के अकूत संपत्ति बनाई। उन्होंने जमीनों के कागज दिखाते हुए कहा कि सतीश द्विवेदी ने जफर अली की सात करोड़ की जमीन मंत्री ने महज 20 लाख रुपये में खरीदी। मां के नाम पर मंत्री द्वारा महज 12 लाख रुपये में एक जमीन खरीदी, जिसका सर्किल रेट 65 लाख रुपये है और बाजार की कीमत पांच करोड़ रुपये है।

आपके सांसद संजय सिंह ने इस मामले में एक ट्वीट किया जिसमें उन्होंने लिखा कि “क्या आपको 1 करोड़ 26 लाख 29 हज़ार की ज़मीन 20 लाख में चाहिये?
तो आदित्यनाथ जी की सरकार में मंत्री बन जाइये।
मंत्री सतीश द्विवेदी की माया।”

इसी के साथ संजय सिंह ने बेसिक शिक्षा मंत्री पर आर्थिक रूप से कमजोर सामान्य वर्ग (ईडब्ल्यूएस) कोटे से सिद्धार्थ विश्वविद्यालय में सहायक प्रोफेसर के पद पर अपने भाई अरुण द्विवेदी की नियुक्ति कराने का आरोप लगाते हुए कहा कि जब पोल खुली तो मंत्री ने अपने भाई से इस्तीफा दिलवा दिया। बेसिक शिक्षा मंत्री के प्रभाव में यह फर्जीवाड़ा हुआ, इसलिए मुख्यमंत्री तत्काल उन्हें बर्खास्त करें। उन्होंने यह भी कहा कि सतीश द्विवेदी के प्रभाव में उनके भाई का ईडब्ल्यूएस प्रमाण पत्र जारी करने वाले उप जिलाधिकारी और दो साल पुराने प्रमाण पत्र को स्वीकार कर नियुक्ति कराने वाले कुलपति को भी गिरफ्तार करके जेल भेजा जाना चाहिए।

याद रहे कि पिछले कई दिनों से बेसिक शिक्षा मंत्री डॉ सतीश द्विवेदी अपने छोटे भाई अरुण द्विवेदी की सिद्धार्थ विश्वविद्यालय, कपिलवस्तु में असिस्टेंट प्रोफेसर पद पर हुई नियुक्ति के बाद विवादों में घिर गए थे। हालांकि उनके भाई ने अब असिस्टेंट प्रोफेसर के पद से इस्तीफा दे दिया है। कुलपति प्रोफेसर सुरेंद्र के अनुसार मनोविज्ञान विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर के तौर पर 21 मई को पदभार ग्रहण करने वाले अरुण कुमार द्विवेदी का इस्तीफा तत्काल मंजूर कर लिया गया है।

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