उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हुई हिंसा से नुकसान के बाद अब लोगों की जिन्दगी धीरे-धीरे पटरी पर लौटने लगी है। सरकार की तरफ से अब राहत और पुनर्वास की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है ताकि हिंसा में अपने घर और अपने लोगों को खो चुके लोगों को पुनर्वास की सुविधाएं उपलब्ध कराई जा सके।
हिंसाग्रस्त इलाकों में अभी भी पुलिस फ्लैग मार्च कर रही है। साथ ही पुलिस जाफराबाद, मौजपुर, चाँद बाग, शिव विहार, यमुना विहार, भजनपुरा और मुस्तफाबाद में स्थानीय लोगों के साथ बैठकें कर रही है। मुस्तफाबाद के 33 फुटा रोड पर एक राहत शिविर लगाया है। यहां के एक ईदगाह को राहत शिविर में तब्दील कर दिया गया है। वहीं कुछ स्थानीय लोगों ने भी पहल की है और आगे बढ़कर मदद के लिए अपने घर के दरवाजे खोल दिए हैं।
अधिक संख्या में इस राहत कैम्प में आकर लोगों ने शरण ली है। शिवपुरी, मुस्तफाबाद और करावल नगर क्षेत्र जैसे इलाकों से पिछले कुछ घंटों में एक हजार से अधिक लोगों ने आकर मुस्तफाबाद राहत शिविर में शरण ली है। शिविर में दिल्ली सरकार की ओर से डॉक्टरों की टीम, दवाएं, भोजन, कपड़े और बिस्तर जैसी जरूरतमंद चीजों की सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं। पीड़ितों को इलाज उपलब्ध कराने के लिए दिल्ली सरकार और विभिन्न गैर-सरकारी संगठनों ने डॉक्टरों, नर्सों और सहयोगियों की कई टीमें भेजी हैं।
इसी राहत शिविर में कानूनी सहायता के लिए ‘द लीगल डेस्क’ के नाम से एक डेस्क लगाया गया है। जिसके अध्यक्ष सुप्रीम कोर्ट के एडवोकेट एहतेशाम हाशमी है। उनके साथ इस डेस्क पर पर्व, ननीता शर्मा और शमशेद जैसे कई एडवोकेट काम कर रहे हैं।
‘दि संडे पोस्ट’ से बातचीत में एडवोकेट एहतेशाम हाशमी ने बताया, “उनके पास कई ऐसे केस भी आएं है जिनमें हिंसा के दौरान महिलाओं के साथ बदतमीजी भी हुई है। लेकिन इससे संबंधित केस कम हैं क्योंकि महिलाएं शिकायत करने से डर रही हैं। कुछ केस ऐसे है, जिनमें लोगों की बाइक, ऑटो तक जला दिए गए हैं। कुछ मामले में बहुत से बच्चे लापता है। कुछ लोगों दंगो के बाद अपना घर तक छोड़ चुके है।”
दिल्ली सरकार ने मुस्तफाबाद राहत शिविर में कई हेल्पडेस्क स्थापित किए हैं, जहां से पीड़ित परिवार एक साधारण फॉर्म भरकर मुआवजा प्राप्त कर सकते हैं। साथ ही लोगों को फार्म भरने में कोई दिक्कत न हो इसलिए अधिक संख्या में वॉलंटियर्स की उपस्थिति भी सुनिश्चित की है।
‘दि संडे पोस्ट’ ने सीलमपुर के विधायक अब्दुल रहमान से बातचीत की जिसमें उन्होंने बताया, “मुस्तफाबाद में बने राहत शिविरों में दिल्ली के सबसे बेहतरीन बावर्ची को हायर किया गया है। जो हिंसा पीड़ितों को सुबह नाश्ते में अंडे, ब्रेड उपमा दे रहे हैं। साथ ही दोपहर के खाने में रोटी-सब्जी और चावल-दाल दिया जा रहा है। शाम को भी लोगों को बेहतरीन भोजन मुहैया कराया जा रहा है।”