हरियाणा के पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने प्रदेश की खट्टर सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि सरकार के फैसले पूरी तरह लोगों की उम्मीदों और विपक्ष के सुझावों के विपरीत हैं। कोरोना की मार झेल रहे गरीब, किसान, दुकानदार, दिहाड़ीदार, कामगार और कारोबारी समेत हर नागरिक को सरकार से राहत की उम्मीद थी। लेकिन इसके उल्ट उन्हें महंगाई की मार झेलनी पड़ेगी। उन्होंने सरकार के फैसले को जनवरोधी कहा।
बता दें कि प्रदेश की बीजेपी सरकार ने गुरुवार को हुई कैबिनेट बैठक में पेट्रोल डीजल पर सेस बढ़ा दिया, सब्जी मंडी में मार्केट फीस में बढ़ोतरी कर दी। हुड्डा ने कहा कि आज अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतें लगभग शून्य पर पहुंच चुकी हैं। सरकार को चाहिए था कि वो पेट्रोल-डीज़ल की कीमतों में कटौती करे। लेकिन, सरकार ने टैक्स बढ़ाकर तेल को महंगा कर दिया। इसका सबसे ज्यादा भार आम जनता और विशेषकर किसान पर पड़ेगा। क्योंकि लॉकडाउन में खेतीबाड़ी की गतिविधियां जारी हैं।
रबी की फसल को बेचने से लेकर अगली फसल उगाने तक ट्रांसपोर्ट और सिंचाई मद में किसान का डीजल खर्च बढ़ेगा। सामान्य ट्रांसपोर्ट खर्च बढ़ने से बाकी सभी चीजें महंगी होंगी। इसी तरह फल-सब्जी पर मार्केट फीस लगाकर कीमतों को बढ़ाने की दिशा में सरकार ने जो फ़ैसला लिया है, उसकी भी सबसे ज्यादा मार कमजोर तबके पर ही पड़ेगी। बस किराए के बोझ से भी सबसे ज्यादा आम आदमी ही दबेगा।
पूर्व सीएम ने कहा कि गुरुवार को ही सर्वदलीय बैठक में सरकार को हमने सुझाव दिए थे कि बिजली बिल, लोन की किश्त, किराए, टैक्सों और महंगाई से फौरी राहत दिलई जाए, चाहे इसके लिए कुछ कर्ज ही क्यों न लेना पड़े। लेकिन सरकार ने जनता की और विपक्ष की उम्मीदों के उलट जनविरोधी फैसले किए हैं। हुड्डा ने ये भी कहा कि लॉकडाउन की वजह से तमाम काम-धंधे ठप पड़े हैं। अगर आगे लॉकडाउन खुलता भी है तो इस डेढ़ महीने के घाटे से उबरने में ही लोगों को कई महीने लगेंगे।