हनीट्रैप. जैसा नाम से ही जाहिर है हनी यानि शहद और ट्रैप मतलब जाल। एक ऐसा मीठा जाल जिसमें फंसने वाले को अंदाजा भी नहीं होता कि वो कहां फंस गया है और किसका शिकार बनने वाला है। अब तक यह होता रहा है कि खूबसूरत महिला एजेंट्स सेना के अधिकारियों को अपने हुस्न के जाल में फंसाती हैं और उनसे महत्वपूर्ण जानकारियां हासिल कर लेती हैं।
पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई भी अक्सर भारतीय थल सेना, वायुसेना और नौसेना से जुड़े लोगों को हनीट्रैप में फंसाने की कोशिश करती रहती है। एक ताजा मामले में वायुसेना के अरुण मारवाह को हनीट्रैप में फंसाया गया और उनसे काफी जानकारी हासिल कर ली गई थी। अमूमन इस तरह की जानकारियों का इस्तेमाल आतंकी हमले में किया जाता है। लेकिन अब हनी ट्रैप का इस्तेमाल देश में ही करने की खबरे आ रही है। खासकर नेताओ ने हनी ट्रेप को ब्लैकमेलिंग करने का हथियार बना लिया है।
दरअसल, अश्लील वीडियो और फ़ोटो के जरिए ब्लैकमेलर अपने जाल में लोगों को फसाते है । इसके बाद थाने में मुकदमा लिखवाने और बलात्कार के केस में फंसा देने के नाम पर अमीर लोगो जिनमे अधिकारी और नेता ज्यादातर होते है से मोटी रकम की मांग की जाती थी। कुछ दिनों पहले ग्रेटर नोयडा के बादलपुर गांव में भी ऐसा ही मामला सामने आया था। तब बसपा नेता और पूर्व राज्य मंत्री करतार नागर को एक सुंदरी ने हनी ट्रैप में फ़साने का प्रयास किया था। लेकिन नागर समय रहते सचेत हो गए थे और पुलिस को इस मामले की शिकायत कर दी थी। तब पुलिस ने जाँच में एक बसपा के नेता को इस मामले में गिरफ्तार किया था।
अब ऐसा ही एक मामला उत्तर प्रदेश के सहारनपुर मंडल में सामने आया है। जहा एक आईएएस अधिकारी के पास पिछले कुछ दिनों से एक लड़की के लगातार फोन कॉल्स आ रहे थे। लड़की अलग-अलग बहानों से आला अफसर से बार-बार संपर्क कर रही थी। लड़की के व्यवहार और लगातार आते फोन कॉल्स पर आईएएस अधिकारी को शक हुआ तो उन्होंने इसकी छानबीन कराने का फैसला किया।
गोपनीय तरीके से संबंधित लड़की और उसके फोन नंबर की जांच कराई गई तो लड़की के एक कद्दावर नेता के संपर्क में होने का खुलासा हुआ। इसके बाद इलेक्ट्रानिक सर्विलांस की मदद से पूरे मामले की पड़ताल एजेंसियों से कराई गई अफसर भी चौंक गए। सर्विलांस में लड़की को 30 लाख रुपये में अफसर को फंसाने का कांट्रेक्ट दिए जाने की बात सामने आई है।
अफसर को फंसाने के लिए लिखी गई हनी ट्रैप की पूरी पटकथा उजागर होने के बाद इसकी जानकारी शासन तक भेजी गई है। अभी पूरे मामले को गोपनीय रखा गया है। माना जा रहा है कि लड़की सीडीआर में फोन कॉल्स को आधार बनाकर अफसर से अपने रिश्तों का दावा करने वाली थी। लेकिन इससे पहले ही उसका खेल उजागर हो गया। मामले में आगे के कदम पर अफसर मंथन कर रहे है
कैसे फसते है हनी ट्रैप के जाल में