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नेताओ का हथियार बना हनीट्रैप, अधिकारी फ़साने को 30 लाख का ठेका  

 

हनीट्रैप. जैसा नाम से ही जाहिर है हनी यानि शहद और ट्रैप मतलब जाल।  एक ऐसा मीठा जाल जिसमें फंसने वाले को अंदाजा भी नहीं होता कि वो कहां फंस गया है और किसका शिकार बनने वाला है। अब तक यह होता रहा है कि खूबसूरत महिला एजेंट्स सेना के अधिकारियों को अपने हुस्न के जाल में फंसाती हैं और उनसे महत्वपूर्ण जानकारियां हासिल कर लेती हैं।

पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई भी अक्सर भारतीय थल सेना, वायुसेना और नौसेना से जुड़े लोगों को हनीट्रैप में फंसाने की कोशिश करती रहती है।  एक ताजा मामले में वायुसेना के अरुण मारवाह को हनीट्रैप में फंसाया गया और उनसे काफी जानकारी हासिल कर ली गई थी।  अमूमन इस तरह की जानकारियों का इस्तेमाल आतंकी हमले में किया जाता है। लेकिन अब हनी ट्रैप का इस्तेमाल देश में ही करने की खबरे आ रही है। खासकर नेताओ ने हनी ट्रेप को ब्लैकमेलिंग करने का हथियार बना लिया है।

 

दरअसल, अश्लील वीडियो और फ़ोटो के जरिए ब्लैकमेलर  अपने जाल में लोगों को फसाते है ।  इसके बाद थाने में मुकदमा लिखवाने और बलात्कार के केस में फंसा देने के नाम पर अमीर लोगो जिनमे अधिकारी और नेता ज्यादातर होते है से  मोटी रकम की मांग की जाती थी। कुछ दिनों पहले ग्रेटर नोयडा के बादलपुर गांव में भी ऐसा ही मामला सामने आया था। तब बसपा नेता और पूर्व राज्य मंत्री करतार नागर को एक सुंदरी ने हनी ट्रैप में फ़साने का प्रयास किया था। लेकिन नागर समय रहते सचेत हो गए थे और पुलिस को इस मामले की शिकायत कर दी थी। तब पुलिस ने जाँच में एक बसपा के नेता को इस मामले में गिरफ्तार किया था।

अब ऐसा ही एक मामला उत्तर प्रदेश के सहारनपुर मंडल में सामने आया है। जहा  एक आईएएस अधिकारी के पास पिछले कुछ दिनों से एक लड़की के लगातार फोन कॉल्स आ रहे थे। लड़की अलग-अलग बहानों से आला अफसर से बार-बार संपर्क कर रही थी। लड़की के व्यवहार और लगातार आते फोन कॉल्स पर आईएएस अधिकारी को शक हुआ तो उन्होंने इसकी छानबीन कराने का फैसला किया।

गोपनीय तरीके से संबंधित लड़की और उसके फोन नंबर की जांच कराई गई तो लड़की के एक कद्दावर नेता के संपर्क में होने का खुलासा हुआ। इसके बाद इलेक्ट्रानिक सर्विलांस की मदद से पूरे मामले की पड़ताल एजेंसियों से कराई गई अफसर भी चौंक गए। सर्विलांस में लड़की को 30 लाख रुपये में अफसर को फंसाने का कांट्रेक्ट दिए जाने की बात सामने आई है।

अफसर को फंसाने के लिए लिखी गई हनी ट्रैप की पूरी पटकथा उजागर होने के बाद इसकी जानकारी शासन तक भेजी गई है। अभी पूरे मामले को गोपनीय रखा गया है। माना जा रहा है कि लड़की सीडीआर में फोन कॉल्स को आधार बनाकर अफसर से अपने रिश्तों का दावा करने वाली थी। लेकिन इससे पहले ही उसका खेल उजागर हो गया। मामले में आगे के कदम पर अफसर मंथन कर रहे है

कैसे फसते है हनी ट्रैप के जाल में 

जिस तरह पुराने जमाने में विषकन्याएं अपने रूप की बदौलत महत्वपूर्ण लोगों से खुफिया जानकारी जुटाती थीं, उसी तरह आज के जमाने में सुंदरियां और हैंडसम लड़के हनीट्रैप बिछाकर अपने शिकार को फांसते हैं। ‘हनी ट्रैप’ यानी सुंदर महिलाओं या सुंदर पुरुषों के मोह या प्रेमजाल में फंसाकर दूसरे देशों की सुरक्षा व कारोबार से संबंधित खुफिया जानकारियों को निकलने का चलन शायद सदियों पुराना है, पर यह तरीका अब भी कारगर माना जाता है। समझा जाता है कि इस तरह जो सूचनाएं मिलती हैं, वे बड़े काम की होती हैं। ऐसी कई घटनाएं हमारे देश से भी जुड़ी हैं।
बताते है कि मोबाइल का उपयोग करने वाले जवान और अधिकारी विशेष तौर पर रडार पर रहते हैं। जो अफसर अपने स्मार्टफोन पर पोर्न देखते हैं, महिलाओं से दोस्ती के लिए ऐसी वेबसाइट्स पर जाते हैं और सोशल साइट्स का उपयोग करते हैं, वे इन खुफिया एजेंसियों के ज्यादा निशाने पर रहे हैं। बताया गया कि हनी ट्रैप में उलझाने के लिए विदेशी खुफिया एजेंसियों सबसे पहले ऐसे अफसरों को चिन्हित करती हैं और फिर उनसे संपर्क करने को ऐसी लड़कियों को भेजते हैं जो उर्दू के साथ फर्राटेदार अंग्रेजी भी बोलती है।
ये खूबसूरत लड़कियां अफसरों को अपनी रोमांटिक शेरो-शायरी के साथ बातचीत का दौर शुरू करती हैं और रूमानियत भरी बातों से उन्हें सोशल मीडिया पर चैट आदि के जरिये बातचीत के लिए राजी कर लेती हैं। इसके बाद जब मुलाकातों का दौर चल निकलता है तो अपनी मोहक तस्वीरें भेजकर खुफिया जानकारी हासिल कर लेती हैं। कई बार ये लड़कियां अफसरों को सेक्सुअल फेवर देने को तैयार हो जाती हैं। जैसे ही कोई अफसर इसके लिए तैयार हो जाता है, तो उस दौरान बातों-बातों में वीडियो बना लेती हैं। इन वीडियोज का इस्तेमाल कर लड़कियां ब्लैकमेलिंग पर उतर आती है और अपना काम निकलवाती हैं।

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