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मान सरकार की चुनौतियां


इन दिनों दिल्ली और पंजाब दोनों ही राज्यों में भ्रष्टाचार का मुद्दा सुर्खियों में है। दिल्ली में मनी लॉन्ड्री के मामले में स्वास्थ्य मंत्री को प्रवर्तन निदेशालय ने गिरफ्तार किया है तो पंजाब में पार्टी ने खुद स्वास्थ्य मंत्री डॉ विजय सिंगला को भ्रष्टाचार के मामले में गिरफ्तार करवाया है। भ्रष्टाचार से निपटना मान सरकार की बड़ी चुनौती बन चुकी है

 

भ्रष्टाचार विरोधी अन्ना आंदोलन से जन्मी आम आदमी पार्टी पहले दिल्ली फिर पंजाब में अपनी सरकार बनाने के बाद अब अपनी निगाहें साल के अंत में होने जा रहे गुजरात और हिमाचल प्रदेश के विधानसभा चुनावों पर टिका चुकी है। ऐसे में पार्टी एक ओर जहां हर चुनावी राज्यों में भ्रष्टाचार मुक्त सरकार की बात करती है वहीं इन दिनों दिल्ली और पंजाब दोनों ही राज्यों में भ्रष्टाचार का मुद्दा सुर्खियों में है। दिल्ली में मनी लॉन्ड्री के मामले में केजरीवाल सरकार के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन को प्रवर्तन निदेशालय ने गिरफ्तार किया है वहीं पंजाब में भ्रष्टाचार के मामले में स्वास्थ्य मंत्री डॉ ़विजय सिंगला को पार्टी ने खुद गिरफ्तार करवाया है। पंजाब के भ्रष्ट सरकारी तंत्र को दुरुस्त करना भगवंत मान सरकार के समक्ष सबसे बड़ी चुनौती बनता जा रहा है।
गौरतलब है कि गत सप्ताह पंजाब की आम आदमी पार्टी सरकार ने भ्रष्टाचार पर एक्शन का रिपोर्ट कार्ड जारी किया था। इस रिपोर्ट कार्ड की मानें तो सरकार बनने के बाद अब तक भ्रष्टाचार के 28 केस दर्ज किए जा चुके हैं। जिनमें 45 गिरफ्तारियां हो चुकी हैं और 8 आरोपी अभी फरार हैं। इनमें सबसे ज्यादा 22 केस माइनिंग और जंगल विभाग के हैं। 14 केस पंजाब पुलिस पर है तो वहीं करप्शन केस में पकड़े आरोपियों में सरकार के ही हेल्थ मिनिस्टर डॉ ़विजय सिंगला, पूर्व कांग्रेसी मंत्री साधु सिंह धर्मसोत, पूर्व कांग्रेस एमएलए जोगिंदरपाल भोआ और आईएएस अफसर संजय पोपली शामिल हैं।

 

इसके अलावा पूर्व मंत्री संगत सिंह गिलजियां की भी तलाश हो रही है। वहीं पूर्व मंत्री भारत भूषण आशु की भी विजिलेंस जांच की जा रही है। हालांकि इतने एक्शन के बाद भी आप सरकार अपराधियों के खिलाफ कड़ा संदेश देने में अब तक सफल नहीं हुई है। मोहाली में इंटेलिजेंस विंग के मुख्यालय पर रॉकेट प्रोपेल्ड ग्रेनेड हमले ने पंजाब पुलिस की छवि खराब की है। सिद्धू मूसेवाला की गोलियों से भूनकर हत्या के बाद गन कल्चर की डिबेट चली है। अवैध हथियारों के जखीरे बरामद हुए हैं। खालिस्तानी समर्थक खुलेआम खालिस्तानी झंडे फहरा रहे हैं। गैंगस्टर नेताओं और कारोबारियों से फिरौती मांग रहे हैं। ऐसे में राज्य की मान सरकार के सामने खनन माफियों पर लगाम लगाना भी बड़ी चुनौती है। इसके अलावा सरकार के खाली खजाने और बढ़ते कर्ज के बीच वादे निभाने का संतुलन बनाना होगा।


महिलाओं को अभी भी खातों में हर माह 1 हजार रुपए आने का इंतजार है। ऐसे में सीएम भगवंत मान के सामने भ्रष्टाचार के साथ-साथ कई आर्थिक और सामाजिक समस्याओं से भी निपटने की बड़ी चुनौती है।

कैग की रिपोर्ट
इस सबके बीच पंजाब विधानसभा के बजट सत्र में भारत के नियंत्रक और महालेखा परीक्षक यानी कैग की वार्षिक रिपोर्ट पेश की गई है। इस रिपोर्ट में पिछले कुछ सालों से होते आ रहे भ्रष्टाचार के जो आंकड़े सामने आए हैं उससे निपटना मान सरकार के लिए आसान नहीं है। दरअसल, रिपोर्ट में सामाजिक सुरक्षा स्कीम में फर्जीवाड़े का खुलासा करते हुए कहा गया है कि 3 साल तक मृत लोगों के नाम पर भी पेंशन बांटी जाती रही और किसी ने भी इस पर ध्यान नहीं दिया। इस योजना के तहत बुजुर्गों को दी जा रही बुढ़ापा पेंशन में सबसे बड़ी धांधली सामने आई है। कैग ने यह भी बताया है कि इस गड़बड़ी के सबसे ज्यादा मामले पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के जिले पटियाला में सामने आए हैं।


रिपोर्ट्स के मुताबिक इस पेंशन गड़बड़ी में एक लाख से ज्यादा ऐसे लोगों का पता चला है जो बृद्धा पेंशन के लिए निर्धारित उम्र से भी कम आयु के थे। कुल 50 हजार 53 पुरुष और 59 हजार 151 महिलाएं, जो कम उम्र के कारण बृद्धा पेंशन के हकदार नहीं थे, लेकिन उन्हें भी पेंशन दी जाती रही है। इनके अलावा 76 हजार 848 लोगों के नामों के साथ उनकी जन्म तिथि ही दर्ज नहीं की गई। रिपोर्ट में यह भी खुलासा किया गया है कि एफएडब्ल्यूडी स्कीम, जो केवल महिलाओं के लिए है, उसमें 12 हजार 47 लोगों को पुरुष बताया गया है। वहीं 23 हजार 754 लोग, जिनकी उम्र 18 वर्ष से कम है, जो इस स्कीम के तहत वित्तीय लाभ के योग्य नहीं थे। इस तरह के सबसे ज्यादा मामले पंजाब के पटियाला से सामने आए हैं। रिपोर्ट के अनुसार, पटियाला में 6 हजार 455, लुधियाना में 1 हजार 871, रोपड़ में 629, शहीद भगत सिंह नगर में 204, एसएएस नगर मोहाली में 698 अयोग्य लोगों का पता चला है। इनके बीते 3 वर्षों से पंजाब में रहने संबंधी सेल्फ डिक्लेरेशन (स्वयं घोषणा) भी फर्जी पाए गए। कैग की रिपोर्ट में कहा भी गया है कि 8 हजार 286 फर्जी लाभार्थियों को अतिरिक्त लाभ पहुंचाते हुए अप्रैल, 2017 से जुलाई, 2020 तक 9.89 करोड़ का भुगतान किया गया है।

एक आवेदक को कई लाभ
कैग की रिपोर्ट में कहा गया है कि पंजाब सरकार की ओर से तैयार दिशा-निर्देश के अनुसार, एक आवेदक केवल एक तरह की ही सामाजिक सुरक्षा पेंशन ले सकता है। लेकिन इसके बावजूद 2 हजार 226 महिलाएं ऐसी हैं जिनके पिता का नाम, आधार नंबर या बैंक खाता नंबर एक था। इन दोनों स्कीमों, ओएपी और एफएडब्ल्यूडी स्कीम के तहत वित्तीय मदद दी जाती रही है। यह पूरी राशि जनवरी 1996 से 2020 के दौरान मंजूर की गई है। कैग की रिपोर्ट में केबल ऑपरेटरों के घोटाले भी सामने आए हैं। रिपोर्ट के मुताबिक शिरोमणि अकाली दल और कांग्रेस की सरकारों के दौरान केबल ऑपरेटरों ने पावर कॉम को 7.21 करोड़ का चूना लगाया है। केवल माफिया का मुद्दा पंजाब में पिछले कुछ सालों से लगातार गरमाया हुआ है। कांग्रेस के नेता नवजोत सिंह सिद्धू इस मामले को लेकर अकाली के साथ- साथ खुद अपनी ही सरकार को कई बार कटघरे में खड़ा करते नजर आए हैं।

 

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