केंद्रीय गृह मंत्रालय को शक है कि खालिस्तान की मांग करने वाले कुछ संगठन किसान आंदोलन में प्रवेश कर चुके हैं। बकौल मंत्रालय ऐसे संगठनों का प्रयास देश में अशांति का माहौल तैयार करना और जनता को केंद्र सरकार के खिलाफ उकसाना है। मंत्रालय ने अब राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी एनआईए को पत्र लिखकर पूरे मामले की जांच करने को कहा है। गृह मंत्रालय ने विशेष रूप से ‘सिख फार जस्टिस’, ‘बब्बर खालसा इंटरनेशनल’, खालिस्तान टाइगर फोर्स’ एवं ‘खालिस्तान जिंदाबाद फोर्स’ की गतिविधियों पर विशेष जांच की बात एनआईए से कही है। इन सभी खालिस्तानी संगठनों को भारत सरकार द्वारा लंबे अर्से से प्रतिबंधित किया जा चुका है। गृह मंत्रालय का मानना है कि ऐसे सिख संगठन कई एनजीओ को भारत में अस्थिरता फैलाने के लिए फंडिंग करते हैं।

एनआईए ने गृह मंत्रालय के इस पत्र बाद तीन खालिस्तानी समर्थकों गुरपटवंत सिंह, परमजीत सिंह पम्मा और हरदीप सिंह निज्जर के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज कर ली है। इन तीनों ही को पहले से ही आतंकवाद विरोधी कानून यूएपीए के अंतर्गत आतंकी घोषित किया जा चुका है। इन तीनों पर भारत के खिलाफ संघर्ष छेड़ने, आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने और भारत के खिलाफ प्रचार करने के लिए धन एकत्रित करने, अमेरिका, कनाड़ा, ब्रिटेन और जर्मनी में भारतीय दूतावासों के सामने भारत विरोधी धरने-प्रदर्शन करवाने का भी आरोप है।

एनआईए ने गृह मंत्रालय के इस पत्र बाद तीन खालिस्तानी समर्थकों गुरपटवंत सिंह, परमजीत सिंह पम्मा और हरदीप सिंह निज्जर के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज कर ली है। इन तीनों ही को पहले से ही आतंकवाद विरोधी कानून यूएपीए के अंतर्गत आतंकी घोषित किया जा चुका है। इन तीनों पर भारत के खिलाफ संघर्ष छेड़ने, आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने और भारत के खिलाफ प्रचार करने के लिए धन एकत्रित करने, अमेरिका, कनाड़ा, ब्रिटेन और जर्मनी में भारतीय दूतावासों के सामने भारत विरोधी धरने-प्रदर्शन करवाने का भी आरोप है।