लॉकडाउन के दौरान हरियाणा में करोड़ों रुपये की अवैध शराब बेची गई थी। इस घोटाले में आबकारी एवं कराधान विभाग और पुलिस अधिकारियों की भूमिका पर सवाल उठे हैं। शराब की अवैध धंधे की बात जब सामने आई तो प्रदेश के गृह मंत्री अनिल विज ने इसके लिए विशेष जांच कमेटी की मांग की सिफारिश मुख्यमंत्री से की। लेकिन केस एसईटी के पास भेजा गया।
अब एसईटी की रिपोर्ट पर गृह मंत्री अनिल विज ने सोनीपत की एपसी रहीं प्रतीक्षा गोदारा और एक्साइज एंड टेक्सेशन कमिश्रर शेखर विद्यार्थी के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है। उन्होंने कहा है कि एसईटी के पास इतनी पावर नहीं की वह मामले की गहराई से जांच करें, इसलिए मामले की तह तक जांच के लिए स्टेट विजिलेंस ब्यूरो को दिया जाए। लेकिन अब मामले में गृहमंत्री अनिल विज और डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला आमने-सामने हो गए हैं।
एसईटी की जिस जांच रिपोर्ट को अनिल विज ने सार्वजनिक करने और आईएएस पर कार्रवाई की मांग की, उसको लेकर डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाल ने सवाल खड़े कर दिए हैं। डिप्टी सीएम ने ईटीसी शेखर विद्यार्थी को क्लीन चिट दे दी हैं। आबकारी विभाग दुष्यंत चौटाल के अंतर्गत आता हैं। वहीं चौटाल ने अपने आबकारी विभाग का बचाव भी किया और पुलिस प्रशासन की लापरवाही पर सवाल भी खड़े किए।
एसईटी की जांच रिपोर्ट को गृहमंत्री ने स्वीकारा, वहीं डिप्टी सीएम ने इस रिपोर्ट को नकार दिया हैं। डिप्टी सीएम ने इसे लेकर शुक्रवार शाम को पत्रकार वार्ता भी की, जिसमें उन्होंने कहा कि पिछले साल अवैध शराब से भरी गाड़िया पकड़ी और एफआईआर भी दर्ज की। लेकिन जांच के नाम पर महज ड्राइवरों को पकड़ कर मामला रफा-दफा कर दिया गया।
बता दें एसईटी ने जो 2000 हजार पन्नों की रिपोर्ट तैयार की थी, उसमें बड़े नामों को उजागर नहीं किया गया था। भारी-भरकम रिपोर्ट में केवल पुलिस और एक्साइज अफसर की खामियां बताई गई थी। लॉकडाउन में शराब को दिल्ली, पंजाब और यूपी के कई जिलों में बेचा गया था। जिसके मास्टर माइंड भूपेद्र सिंह को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था।