उत्तर प्रदेश के मेरठ से एक दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है। पिछले कुछ महीनो में 80 से ज्यादा गर्भवती महिलाएं लाला लाजपत राय मेडिकल कॉलेज में प्वास के लिए पहुंची थीं। जिसके बाद स्वास्थ्य विभाग के एक अधिकारी ने शुक्रवार को कहा कि इन सभी महिलाओं में से अधिकतर गर्भवती महिलाएं एचआईवी पॉजिटिव पाई गई हैं। जिसके बाद मेडिकल डिपार्टमेंट में हड़कंप मच गया है। इस मामले की जाँच पड़ताल के लिए अस्पताल में जांच कमेटी भी बनाई गई है।
मेरठ के लाला लाजपत राय मेडिकल कॉलेज के एंटी-रेट्रोवायरल थेरेपी (एआरटी ) सेंटर की एक रिपोर्ट के बाद बड़ी संख्या में मामले सामने आए, जिसमें बताया गया कि लाला लाजपत राय अस्पताल में प्रसव के लिए आई 80 से अधिक गर्भवती महिलाओं में एचआईवी की पुष्टि गई है।
ARTसेंटर की रिपोर्टके अनुसार
80 से अधिक एचआईवी पॉजिटिव महिलाओं में से कम से कम 35 प्रभावित महिलाओं ने बच्चों को जन्म दिया है। एआरटी सेंटर की रिपोर्ट के मुताबिक, 2022-23 के बीच मेरठ के लाला लाजपत राय मेडिकल कॉलेज में गर्भवती महिलाओं में एचआईवी के 33 प्रतिशत अधिक मामले दर्ज किए गए हैं।
मेडिकल कॉलेज के अधिकारियों ने बताया कि सभी प्रभावित महिलाओं का मेडिकल कॉलेज के एआरटी सेंटर में इलाज चल रहा है और वे ठीक हैं। नवजात शिशुओं के स्वास्थ्य के बारे में पूछे जाने पर एआरटी सेंटर के नोडल अधिकारी ने बताया कि 18 माह पूरे होने पर नवजात बच्चों की एचआईवी जांच करायी जायेगी।
महिलाएं और नवजात बच्चे स्वस्थ
इस मुद्दे पर मीडिया से बात करते हुए, मेरठ के मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ. अखिलेश मोहन प्रसाद ने कहा, “मेरठ के लाला लाजपत राय मेडिकल कॉलेज में 60 महिलाओं में एचआईवी के मामले सामने आए हैं। हालांकि, सभी महिलाएं और नवजात बच्चे स्वस्थ हैं।”
क्या होता है एचआईवी?
एचआईवी (ह्यूमन इम्मुनोडेफिसिएंसी वायरसिस) एक यौन संचारित रोग (एसटीआई) है। यह दूषित रक्त, संक्रमित इंजेक्शन, या सुइयों को साझा करने के संपर्क में आने से भी फैल सकता है। यह गर्भावस्था, प्रसव या नर्सिंग के माध्यम से मां से बच्चे में फैल सकता है। उपचार के बिना, एचआईवी को एड्स विकसित करने के लिए प्रतिरक्षा प्रणाली को कमजोर करने में वर्षों लग सकते हैं।