कोरोना महामारी के दौरान लोग घर बैठे इंटरनेट पर ज्यादा समय बिताते थे। इस दौरान वे सोशल मीडिया का इस्तेमाल करते थे, तरह-तरह की चीजें ऑनलाइन देखते थे और ऑनलाइन गेम भी खेलते थे। इस अवधि में जैसे-जैसे जनशक्ति की आवश्यकता बढ़ी, इस क्षेत्र की कंपनियों में बड़ी संख्या में कर्मचारियों की भर्ती की गई। लेकिन अब जब टेक्नोलॉजी से सब काम होने लगा तो कंपनियों ने हायरिंग रोक फायरिंग शुरू कर दी है।
दरअसल पिछले कुछ दिनों से दुनियाभर की कई नामी कंपनियां अपने कर्मचारियों की छंटनी कर रही हैं। इस बीच आशंका जताई जा रही है कि ऐमज़ॉन भी बड़ी संख्या में कर्मचारियों की छंटनी करने की तैयारी में है। न्यूयॉर्क टाइम्स के अनुसार, ऐमज़ॉन 10 हजार कर्मचारियों की छंटनी कर सकता है। अब सवाल उठ रहे हैं कि अरबों में कारोबार वाली ये कंपनियां अपने कर्मचारियों की छंटनी क्यों कर रही हैं? ऐसे में तर्क दिए जा रहे हैं कि कोरोना महामारी के दौरान मंदी और सप्लाई चैन में रुकावट के कारण कई कंपनियों को भारी नुकसान हुआ है।
अब जैसे-जैसे कोरोना मरीजों की संख्या घट रही है और प्रतिबंधों में ढील दी जा रही है लोग बाहर निकल रहे हैं। इस कारण टेक्नोलॉजी आधारित कंपनियों के उत्पादों की मांग घटती नजर आ रही है। लोग गैजेट्स अब पहले की तुलना में कम खरीद रहे हैं। कोरोना महामारी के दौरान छंटनी के कारण लोग घर बैठे इंटरनेट पर ज्यादा समय बिताते थे। इस दौरान वे सोशल मीडिया का इस्तेमाल करते थे, तरह-तरह की चीजें ऑनलाइन देखते थे और ऑनलाइन गेम भी खेलते थे। लेकिन अब जब टेक्नोलॉजी से सब काम होने लगा तो जनशक्ति की आवश्यकता भी कम हो गई है । नतीजतन, इन कंपनियों की आय भी कम हो गई है और इन टेक कंपनियों को बनाए रखने के लिए कम मैनपावर की जरूरत है।
ऐमज़ॉन करेगा 10 हजार कर्मचारियों की छंटनी
ऐमज़ॉन एक प्रौद्योगिकी और ऑनलाइन रिटेलर है। खबरों के मुताबिक एमाजॉन कॉरपोरेट और टेक्नोलॉजी विभागों में कर्मचारियों की छंटनी करने जा रही है। कर्मचारियों की ये छंटनी दुनियाभर में होगी। एमाजॉन के दुनियाभर में 1.6 मिलियन से अधिक कर्मचारी हैं। छंटनी की स्थिति में यह आंकड़ा कुल वर्कफोर्स के1 फीसदी से भी कम बताया जा रहा है । लेकिन सवाल यह है कि आखिर यह छंटनी क्यों की जा रही है।
ऐसी आशंका है कि कंपनी कर्मचारियों की छंटनी करेगी। हालांकि कंपनी ने इस बारे में आधिकारिक घोषणा नहीं की है। मगर अगर यह छंटनी होती है, तो यह कंपनी के इतिहास में सबसे बड़ी छंटनी होगी।
कहा जा रहा है कि उपभोक्ताओं का खरीदारी में मन नहीं लग रहा है। एलेक्सा डिवाइस की मांग भी कम हुई है। इसी वजह से एमाजॉन संतोषजनक रेवेन्यू ग्रोथ नहीं होने के कारण कर्मचारियों की छंटनी करने की तैयारी कर रही है। महंगाई और कंपनियों से छंटनी की प्रक्रिया पर सीएनएन को दिए एमाजॉन के फाउंडर जेफ बेजोस ने एक इंटरव्यू में कहा, ‘मौजूदा समय अर्थव्यवस्था की स्थिति काफी खराब है। आर्थिक गतिविधियों में रुकावट शुरू हो चुकी है। आप कई सेक्टर में छंटनी की प्रक्रिया तेज होते हुए देख सकते हैं। ऐसे में अगर अभी मंदी का दौर नहीं है, तो जल्द ही हम उस दौर में पहुंच जाएंगे।’
इसी तरह कई अन्य आर्थिक मामलों के जानकार और कंपनियों के मालिक मंदी की आशंका जता चुके हैं। ब्रोकरेज फर्म नोमुरा की एक रिपोर्ट के अनुसार, आने वाले सालभर के भीतर दुनिया की बड़ी अर्थव्यवस्था वाले देशों को मंदी का सबसे बुरा दौर देखने को मिल सकता है। इसका सबसे ज्यादा असर टेक कंपनियों पर ही पड़ेगा।
बीते जुलाई में विश्व बैंक का भी एक बयान आया था कि इस साल के अंत तक दुनिया की आर्थिक प्रगति कम होने की आशंका है। इसलिए ज्यादातर देशों को आर्थिक मंदी की तैयारी कर लेनी चाहिए। पूरी दुनिया ज्यादा महंगाई और कम विकास दर से जूझ रही है, जिसकी वजह से 1970 के दशक जैसी मंदी आ सकती है। जिसका असर दुनियाभर में दिखने भी लगा है।
इन कंपनियों ने की कर्मचारियों की छंटनी
अरबपति एलन मस्क ने माइक्रोब्लॉगिंग साइट ट्विटर को खरीदने के बाद कंपनी में बड़े पैमाने पर छंटनी जारी है। सोशल मीडिया की मूल संस्था फेसबुक मेटा ने अब तक 11 हजार कर्मचारियों को नौकरी से निकाला है। डिज्नी, गूगल, स्नैपचैट, माइक्रोसॉफ्ट, इंटेल और एपल जैसी कई कंपनियों ने छंटनी शुरू कर दी है।