विश्व में बोली जाने वाली भषाओं में हिंदी तीसरे पायदान पर है। इसी आधार पर भारत लगातार प्रयास करता रहा है कि हिंदी को भी संयुक्त राष्ट्र की आधिकारिक भाषा का दर्जा मिल सके। इसी के तहत भारत लगातार इस कार्य के लिए कदम भी बढ़ा रहा है। दिल्ली में गुरुवार को विदेश मंत्री एस जयशंकर ने 12वें विश्व हिंदी सम्मेलन के शुभंकर और वेबसाइट का लोकार्पण किया है। जो कि सम्मेलन में पंजीकरण करने तथा अन्य जानकारियों के लिए लांच की गई है। इस दौरान विश्व हिंदी सम्मेलन का “लोगो” भी जारी किया गया।
हिंदी भाषा को आगे बढ़ाने का प्रयास केवल राष्ट्रीय स्तर पर ही नहीं बल्कि अंतराष्ट्रीय स्तर पर भी लगातार किया जा रहा है। कार्यक्रम में शामिल हुए विदेश मंत्री के अनुसार संयुक्त राष्ट्र में हिंदी को आधिकारिक भाषा के तौर पर शामिल कराने की दिशा में प्रयास जारी है। इनके मुताबिक इसमें कुछ प्रगति भी हुई है, हालांकि इसमें अभी समय लगेगा। गौरतलब है कि यूएन संयुक्त राष्ट्र महासभा में अभी तक छह भाषाओं को अधिकारिक भाषाओं का दर्जा मिला हुआ है। जिनमें फ्रेंच,अंग्रेजी, अरबी चीनी, रूसी और स्पेनिश भाषाएँ शामिल हैं। इसके अलावा संयुक्त राष्ट्र सचिवालय की कामकाजी भाषाओं में इंग्लिश और फ्रेंच शामिल हैं।
विदेश मंत्री के मुताबिक ”हिंदी का प्रयोग यूनेस्को में हो रहा है, जहां तक संयुक्त राष्ट्र के मुख्यालय में हिंदी के उपयोग की बात है, तो इस बारे में संयुक्त राष्ट्र के साथ हमारा एक समझौता ज्ञापन किया गया है’। इसी के चलते अभी सोशल मीडिया तथा न्यूजलेटर में हिंदी का प्रयोग किया जा रहा है। दरअसल “संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक तथा सांस्कृतिक संगठन” (यूनेस्को ) संयुक्त राष्ट्र का एक घटक निकाय है। इसका कार्य शिक्षा, प्रकृति तथा समाज विज्ञान, संस्कृति तथा संचार के माध्यम से अंतर्राष्ट्रीय शांति को बढ़ावा देना है।
डिजिटल माध्यम से दूसरे देशों में हिंदी को बढ़ावा देने को लेकर उन्होंने कहा कि हमारा अनुभव डिजिटल माध्यम के उपयोग को लेकर है, खासकर अफ्रीका में अच्छा अनुभव है। विदेश मंत्री के मुताबिक हिंदी भाषा शिक्षा, चिकित्सा के क्षेत्र में डिजिटल माध्यम के उपयोग से जुड़ा हुआ है और इसलिए हिंदी के प्रचार-प्रसार के लिए आधुनिक तकनीक का उपयोग किया जाना चाहिए।
फिजी में होगा अगला विश्व हिंदी सम्मेलन
इसी कार्यक्रम के दौरान विदेश राज्यमंत्री वी मुरलीधर ने अगला “विश्व हिंदी सम्मेलन” फिजी में होने की जानकारी दी। यह सम्मेलन अगले साल 15 व 17 फरवरी को फिजी में किया जायेगा । विदेश राज्य मंत्री वी. मुरलीधरन के कहने अनुसार भारत सरकार फिजी में एक भाषा प्रयोगशाला की स्थापना करेगी। इसके तहत वहां के लोगों को हिंदी सीखने में सहायता मिल पाएगी । विश्व भर में कई ऐसे देश है जहां हिंदी बोली जाती है। इन्ही में से एक देश है फिजी जहां तीन भाषाओं को सरकारी मान्यता प्राप्त है ,जिसमे से एक हिंदी भी है। यूएन (2020) के अनुसार, फिजी की जनसंख्या करीब 8,96,000 है और उनमें से 30 प्रतिशत से अधिक लोग भारतीय मूल के हैं। वहीं वर्ल्ड लैंग्वेज डेटाबेस के 22वें संस्करण इथोनोलॉज के मुताबिक विश्व भर में 20 सबसे ज्यादा बोली जाने वाली भाषाओं में 6 भारतीय भाषाएं भी हैं। जिनमें हिंदी तीसरे नंबर पर है और अंग्रेजी पहले स्थान पर है। इथोनोलॉज के मुताबिक दुनियाभर में 61.5 करोड़ लोग हिंदी भाषा का प्रयोग करते हैं।