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इधर BJP फ्लोर टेस्ट के सपने देख रही उधर कमलनाथ मध्यावधि चुनाव की तैयारियों में जुटे

इधर BJP फ्लोर टेस्ट के सपने देख रही उधर कमलनाथ मध्यावधि चुनाव की तैयारियों में जुटे

मध्यप्रदेश की सियासत में हर घंटे कोई-न-कोई घटनाक्रम सामने आ रहा है। अब इस राजनीति का क्या अंत होगा, इसका अंदाजा लगाने वाले भी हाथ खड़े कर दिए हैं। जहां पहले लग रहा था कि कमलनाथ की सरकार गिर जाएगी और बीजेपी बहुमत साबित करके मध्यप्रदेश में अपनी सरकार बना लेगी। लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं होने जा रहा। क्योंकि मुख्यमंत्री कमलनाथ मध्यावधि चुनाव की तैयारियों में लग गए हैं।

मान लीजिए कि मध्यप्रदेश में भाजपा की सरकार बनने वाली है या फिर राज्यपाल कांग्रेस सरकार को बर्खास्त कर देते हैं तो फिर कांग्रेस के सारे विधायक सामूहिक रुप से इस्तीफा दे देंगे। उसके बाद मध्यावधि चुनाव की स्थिति बन जाएगी। बुधवार को भोपाल में कैबिनेट मीटिंग हुई जिसमें मुख्यमंत्री कमलनाथ ने वे सभी फैसले लिए जो मध्यावधि चुनाव से पहले लिए जाना जरूरी थे। जैसे मध्य प्रदेश में 3 नए जिलों (मैहर, नागदा और चाचौड़ा) की घोषणा की गई। मुख्यमंत्री कमलनाथ की कोशिश रहेगी कि आने वाले तीन दिनों में ज्यादा-से-ज्यादा ऐसे फैसले लिए जाएं जो वचन पत्र को पूरा करते हो।

कमलनाथ की ओर से अपने पार्टी नेताओं को संतुष्ट करने के लिए हर जतन किया जा रहा है। कई तरह की नियुक्तियां पहले ही की जा चुकी हैं। एक दर्जन से अधिक भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों को बदला गया है। इसके अलावा राज्य प्रशासनिक सेवा और मध्य प्रदेश पुलिस सेवा की 100 से ज्यादा अधिकारियों के ट्रांसफर किया जा चुका है। इसको लेकर भाजपा को ओर से पहले ही कहा जाता रहा है कि ये तबादला उद्योग है। इससे भी स्पष्ट हो रहा है कि कांग्रेस मध्यावधि चुनावी तैयारी कर रही है।

अपने बागी विधायकों से मिलने और मनाने के लिए कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह बुधवार को बेंगलुरु पहुंचे थे। हालांकि, विधायकों से मिलने से पहले ही उन्हें और उनके साथ गए लगभग 10 कांग्रेस नेताओं को हिरासत में लिया गया। जिसके बाद मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि बीजेपी के द्वारा लोकतांत्रिक मूल्यों की हत्या की जा रही है।

उन्होंने कहा, “बैंगलोर में बीजेपी द्वारा बंधक बनाये गए कांग्रेस विधायकों से मिलने गए कांग्रेस के राज्यसभा उम्मीदवार दिग्विजय सिंह, कांग्रेस के मंत्रियों, विधायकों को मिलने से रोकना, उनसे अभद्र व्यवहार करना, उन्हें बलपूर्वक हिरासत में लेना पूरी तरह से तानाशाही और हिटलर शाही है।”

उन्होंने आगे कहा, “पूरा देश आज देख रहा है कि एक चुनी हुई सरकार को अस्थिर करने के लिये किस प्रकार से बीजेपी द्वारा लोकतांत्रिक मूल्यों की हत्या की जा रही है। क्यों विधायकों से मिलने नहीं दिया जा रहा है, आखिर किस बात का डर बीजेपी को है? बीजेपी द्वारा एक गंदा खेल प्रदेश में खेला जा रहा है। लोकतांत्रिक मूल्यों, संवैधानिक मूल्यों और अधिकारो का दमन किया जा रहा है। हमारे हिरासत में लिये गये नेताओ को शीघ्र रिहा किया जाए और बंधक विधायकों से मिलने की इजाज़त दी जाए।”

मुख्यमंत्री कमलनाथ ने आगे कहा कि न अभी बीजेपी के पास बहुमत है, न शिवराज सिंह को बीजेपी विधायक दल ने अपना नेता चुना है, न ही बीजेपी की सरकार बनी है, न कभी बनेगी। लेकिन शिवराज सिंह चौहान की मुख्यमंत्री बनने के लिए हड़बड़ाहट, बैचेनी पूरा प्रदेश देख रहा है। किस प्रकार सत्ता के लिए वे बैचेन हो रहे हैं। उन्हें नींद नहीं आ रही है, दिन में भी मुख्यमंत्री पद के सपने देख रहे है। अधिकारियों को धमका रहे हैं। उनकी स्थिति पर मुझे तरस आ रहा है।

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