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उत्तर प्रदेश में बैलेट पर भारी बुलेट

पिछले विधानसभा चुनावों की बात करे तो उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव में विपक्ष का प्रमुख मुद्दा कानून व्यवस्था होता था। विपक्ष इस मुद्दे को हथियार बनाकर सत्तारूढ़ दल पर हमले करता था। 2017 के विधानसभा चुनावों में मुजफ्फरनगर सहित प्रदेश में हुए कई जगह दंगेए कैराना पलायन, गुंडों.माफियाओं की सरपरस्ती आदि अहम मुद्दा थे। लेकिन इस बार मामला विपरीत है। कानून व्यवस्था मुद्दा इस बार है जरूर लेकिन यह उत्तर प्रदेश में सत्तारूढ़ रही भाजपा के प्रमुख हथियार के रूप में नजर आ रहा है।

 

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तक सब इस मुद्दे पर विपक्ष पर हमला करते दिख रहे हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने तो सपा के चुनाव चिन्ह साइकिल को ही आतंकवादियो की सवारी बताकर कठघरे में खड़ा कर दिया। हालाँकि अखिलेश यादव ने यह कहकर मामले को घुमा दिया है कि साइकिल तो आम आदमी की सवारी है। उधरए कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने भी सुरक्षा के मुद्दे पर भाजपा की घेराबंदी की है। वह कहती हैं कि जब महिला ए दलित ए किसान ए नौजवान असुरक्षित हैं तो ये किस की सुरक्षा की बातें कर रहे हैं घ् ये सरकार अपनी सुरक्षा चाहती है ए किसी भी हालात में सत्ता में रहना चाहते हैं।

 

भाजपा जिस सुरक्षा के मुद्दे पर विपक्षी पार्टियों पर वार करने की कोशिश में है उसका जमीनी सच कुछ और ही है। सिर्फ चुनावी समय की ही बात करें तो इस दौरान उत्तर प्रदेश में सुरक्षा की बात करना बेमानी सा लगता है। सत्ता पक्ष इस मुद्दे पर खुद ही घिरता नजर आ रहा है। इससे लग रहा है कि यूपी के चुनावों में बैलेट पर बुलेट भारी है। सबसे पहले 29 जनवरी की बात करते है। इस दिन मथुरा में उस समय कानून व्यवस्था तार . तार हो गई जब योगी सरकार केर मंत्री रहे लक्ष्मी नारायण चौधरी के प्रस्तावक ग्राम प्रधान राम वीर सिंह की हत्या कर दी गई।

 

3 फरवरी के दिन उस समय सनसनी फ़ैल गई जब एआईएएम पार्टी के राष्टीय अध्यक्ष असुद्दीन ओवेसी के काफिले पर हमला कर दिया गया। हापुड़ में पिलखुआ टोल टेक्स पर ओवेसी की गाड़ी पर खुलेआम गोलिया बरसाई गई। हालाँकि पुलिस ने दो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। लेकिन पुलिस आज तक भी यह सिद्ध नहीं कर पाई कि हमला किस मकसद से किया गया घ् 9 फरवरी के दिन वाराणसी में बाहुबली अभय और बबलू गेंग के लोगो में फायरिंग हुई।

 

इसके अलावा 15 फरवरी को शाहजहाँपुर में समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी रोशन लाल वर्मा के समर्थक की हत्या कर दी गई। यह घटना चकोरा गांव की है। यहां भाजपा और सपा के समर्थको के बीच हिंसा हुई। जिसमे सपा के बूथ एजेंट सुधीर यादव की जान चली गयी। जबकि भाजपा के समर्थक वीरेंद्र सिंह घायल हो गए। हद तो तब हो गयी जब 21 फरवरी को बदायूं के कबूलपुरा मोहल्ले में सपा और भाजपा को जिताने के दावे के बीच बहस ने खुनी रूप धारण कर लिया। इस बहस में एक व्यक्ति ने दूसरे को अपने तमंचे से गोली मारकर उड़ा दिया।

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