बिहार में जहरीली शराब का कहर थम नहीं रहा है। बिहार के छपरा जिले के बाद अब अन्य जिलों में भी जहरीली शराब से मौत की खबर आ रही है। छपरा के अलावा सिवान और बेगूसराय में भी जहरीली शराब से मौत की खबर आई है।
वहीं छपरा जहरीली शराब कांड की बात करें तो इससे अब तक 73 लोगों की मौत हो गयी है। गैर सरकारी आंकड़े 75 से अधिक मौत की बात कह रहे हैं।हालांकि इस मामले की जांच के लिए एसआईटी गठित कर दी गई है। एक अतिरिक्त एसपी इस टीम का नेतृत्व करेंगे। पुलिस अधीक्षक संतोष कुमार ने मीडिया को बताया कि एसआईटी में 31 पुलिस अफसरों को शामिल किया गया है। इसमें तीन डीएसपी स्तर के अधिकारी भी शामिल हैं। सारण के डीएम राजेश मीणा ने कहा कि पिछले 48 घंटों में जिले भर में छापेमारी कर 126 शराब व्यापारियों को पकड़ा गया है। 4000 लीटर से ज्यादा अवैध शराब भी जब्त की गई है. इस मामले में कुछ लोगों को गिरफ्तार की बात भी सामने आई है।
इधर, बिहार विधानसभा में बोलते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि शराब से मौत होने पर किसी को भी मुआवजा नहीं दिया जाएगा। नीतीश ने एक बार फिर कहा कि शराब पियोगे तो मरोगे। उन्होंने कहा कि हम राष्ट्रपिता बापू के दिखाए रास्ते पर चल रहे हैं। दूसरे प्रदेशों में जहरीली शराब पीने से मौत हो रही हैं। भाजपा ने शराबबंदी का समर्थन किया था। इससे पहले 14 दिसंबर को भी भाजपा ने इस मुद्दे पर विधानसभा में नीतीश सरकार को घेरा था। इस के चलते जहरीली शराब से मौत को लेकर विधानसभा में खूब हंगामा हुआ। तत्पश्चात, नीतीश कुमार को गुस्सा आ गया। वे भाजपा पर आग बबूला होते दिखाई दिए। नीतीश कुमार ने भाजपा पर हमला बोलते हुए कहा कि आप सभी पहले शराबबंदी के पक्ष में थे। अब क्या हो गया है? बिहार में जहरीली शराब पीने से हुई मौतों के मामले में सर्वोच्च न्यायालय ने जल्द सुनवाई से मना कर दिया है। छपरा में हुईं मौतों के मामले में उच्चतम न्यायालय में जनहित याचिका दायर की गई थी, जिसमें एसआईटी से जांच कराने और पीड़ितों को मुआवजा दिए जाने की मांग की गई थी।