कोरोना की मार से बेहाल आर्थिक हालत को सुधारने के लिए हरियाणा सरकार ने कई बेहद कड़े फैसले किए हैं। राज्य कैबिनेट की बैठक में जनता पर कई आर्थिक भार डालने वाले निर्णय लिए हैं। हरियाणा रोडवेज बसों के किराये में वृद्धि कर दी गई है। सब्जी और फल भी महंगे हो सकते हैं। सरकार ने सब्जी और फल मंडियों में दो फीसदी मार्केट फीस लगा दी है। अभी यह फीस नहीं लगती थी। इसके अलावा शराब भी महंगी होगी। कैबिनेट ने शराब पर कोरोना सेस लगाने का भी फैसला किया है। पेट्रोल और डीजल भी महंगा हो गया है। पेट्रोल की कीमत में एक रुपये प्रति लीटर और डीजल की कीमत में 1.10 रुपये प्रति लीटर की वृद्धि की गई है।
कमजोर वित्तीय स्थिति के कारण हरियाणा मंत्रिमंडल की बैठक में ये अहम निर्णय लिए गए। इससे सरकार की माली हालत को मजबूती मिल सकती है। इस तरह कोरोना महामारी का असर अब प्रदेश की जनता पर अतिरिक्त खर्च के बोझ के रूप में पड़ा है। हरियाणा रोडवेज की सामान्य बसों में किराया 85 पैसे प्रति किलोमीटर से बढ़ाकर एक रुपये प्रति किलोमीटर कर दिया गया है, जबकि लग्जरी (वोल्वो) बसों का किराया दो रुपये प्रति किलोमीटर से बढ़ाकर ढाई रूपये प्रति किलोमीटर किया गया है। शराब पर कोरोना सेस लगाने पर सहमति हो चुकी है, लेकिन इसकी दर कितनी होगी, यह तय होना अभी बाकी है।
मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर की अध्यक्षता में हुई हरियाणा मंत्रिमंडल की बैठक में मार्केट कमेटियों के अंतर्गत सब्जी मंडी और फ्रूट मंडी में दो फीसद मार्केट फीस फिर से बहाल कर दी गई है। इसमें एक फीसद मार्केट फीस और एक फीसद एचआरडीएफ सेस होगा। पिछली हुड्डा सरकार ने 2014 में इस फीस को माफ कर दिया था। इस फैसले से सरकारी खजाने में काफी राजस्व आने की उम्मीद की जा सकती है।
कैबिनेट बैठक में आबकारी नीति को लेकर भी चर्चा हुई। इसे 14 मई से लागू करने की योजना है। प्रदेश में शराब की कीमतों में भी अब बढ़ोतरी हो सकती है। तीन मई तक लॉकडाउन के चलते शराब ठेके बंद हैं। इसके बाद भी ठेके खुलेंगे या नहीं, यह केंद्र सरकार की हिदायतें पर निर्भर करेगा, लेकिन सरकार चाहती है कि 14 मई से ठेकों को खोला जा सकता है। अधिकारियों से रिपोर्ट मांगी गई है कि कितना कोरोना सेस लगाया जा सकता है।