अभी देशभर में लॉकडाउन लगा है जिसके कारण लोग घरों में हैं। ऐसे में लोगों को हैकिंग के गुर भी अब ऑनलाइन सिखाए जा रहे हैं। पिछले करीब एक महीने से सोशल मीडिया पर ऐसे सैकड़ों ग्रुप सक्रिय हो गए हैं। 17 अप्रैल को फेसबुक पर एक पब्लिक ग्रुप पर डाली गई पोस्ट में हैंकिग के एक कोर्स की पेशकश की गई। इस कोर्स को हैकिंग फॉर बेगिनर्स नाम दिया गया है। इसमें पासवर्ड क्रैक करने के साथ-साथ ही डेवाइस और नेटवर्क में घुसने, इन सिस्टमों की कमजोरी का पता लगाने और कोरोना वायरस के इस दौर में सोशल इंजीनियरिंग के गुर शामिल हैं।
हैकिंग ग्रुप क्रेडिट कार्ड की जानकारी और अकाउंट के पासवर्ड की चोरी करते हैं। इस डेटा के इस्तेमाल से खरीदारी की जाती है या ऑनलाइन गिफ्ट कार्ट खरीदे जाते हैं। इस तरह खरीदे गए उत्पादों को फिर कम दाम में बेच दिया जाता है। धोखाधड़ी के इस दूसरे दौर को कार्डिंग कहते हैं। इस तरह एक लाख रुपये से अधिक कीमत का आईफोन प्रो मैक्स महज 30 हजार रुपये में बिकता है। इसी तरह करीब 50 हजार रुपये की कीमत वाला आईफोन एक्सआर 15 हजार रुपये में मिलता है। यह चीजें बहुत तेजी से होती हैं। जिसके डेटा की हैकिंग होती है, उसे जब तक खबर लगती है तब तक बहुत देर हो चुकी होती है।
लॉकडाउन के इस दौर में अपराध का यह मॉडल अपनी चमक खो चुका है। ऐसा इसलिए है क्योंकि लॉकडाउन के कारण प्रोडक्ट की आपूर्ति नहीं हो पा रही है। इसलिए हैकर और कार्डर ने अपनी रणनीति बदल दी है। वे अब ट्यूटर बन गए हैं और दूसरों को ऑनलाइन हैकिंग के गुर सिखा रहे हैं। फेसबुक पर एक पोस्ट में लिखा है, “अपना काम गेम खेलने और मूवी देखने में बर्बाद मत कीजिए। यह कुछ ऐसा सीखने का समय है जिससे आपको फायदा मिले। हमारे चैनल से अपने हैकिंग करियर की शुरुआत कीजिए।”
एक अन्य ग्रुप पर उत्तर प्रदेश के एक व्यक्ति 299 रुपये में प्रोफेशनल वाईफाई हैकिंग कोर्स की पेशकश की है। इसी तरह एक टेलीग्राम ग्रुप मेंबर ने कोरोना वायरस डिस्काउंट की पेशकश करते हुए कहा, “आइए घर में रहते हुए और पैसा बनाते हैं। मांग बढ़ने के साथ ऐसे ऑफर भी बढ़ रहे हैं।” भारत में हैकिंग से संबंधित सर्च इंटेरेस्ट मार्च के तीसरे हफ्ते में 50 था जो अप्रैल के मध्य में 100 पहुंच गया। यानी लॉकडाउन के दौरान इसमें भारी उछाल आई है। हैकिंग से संबधित वीडियो की भी इन दिनों बाढ़ आ गई है।
यूट्यूब पर पिछले महीने 400 हैकिंग ट्यूटोरियल वीडियो पोस्ट किए गए। अभी हाल में ही हैकरों नेगोंडा के जिलाधिकारी डा. नितिन बंसल के नाम से एक दूसरी आईडी बनाई और लोगों को फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजने लगे। उसके बाद हैकरों ने अधिकतर शिक्षकों को निशाना बनाया। इसके पीछे उनकी सोच यह थी कि शिक्षक स्कूल बंद होने से बाहर घरों में होंगे और सीधे डीएम से कोई पूछ तो पाएगा नहीं और आसानी से फंस जाएगा। पर तरबगंज ब्लॉक में तैनात शिक्षक कृष्ण कुमार दूरबार ने खुलासा कर दिया।
वह पहले से डीएम गोंडा के फेसबुक से जुड़े थे। जब उन्हें दूसरी आईडी का फ्रेंड रिक्वेस्ट मिला तो वह चौंक गए। उन्होंने डीएम की आईडी का स्क्रीन शॉट लेकर अपने फेसबुक पर पोस्ट किया कि एक आईडी होते हुए डीएम की दूसरी आईडी से रिक्वेस्ट कैसे आई। लोगों से जानकारी मांगी, साथ ही डीएम और सूचना विभाग को टैग कर दिया। इसके बाद जिलाधिकारी ने साइबर सेल से आईडी ब्लॉक कराई। इसके साथ ही मामले की जांच सौंपी है। इसके अलावा डीएम ने अपने फेसबुक से लोगों को आगाह किया है कि फेक आईडी से कोई न जुड़े। जिलाधिकारी डा. नितिन बसंल ने बताया कि मामले की जांच कराई जा रही है। उधर पुलिस अधीक्षक राजकरन नैय्यर ने हैकरों से बचाव के लिए लोगों को सर्तकता बरतने की अपील की।