राजस्थान में आज अलर्ट जारी हो चुका है। यह अलर्ट गुर्जर आरक्षण की महापंचायत के मद्देनजर किया गया है। जिसमें 80 गांवों की महापंचायत होनी है । बताया जा रहा है कि इस महापंचायत में 20000 लोग शामिल होने का दावा गुर्जर संघर्ष समिति के अध्यक्ष कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला ने किया है । याद रहे कि पिछले 14 सालों में राजस्थान में गुर्जर आरक्षण आंदोलन में 72 लोग मारे जा चुके हैं। इसके बावजूद भी उनके मांग अभी तक अधूरी है। फिलहाल गुर्जर समाज के लोग सातवीं बार इस आंदोलन की राह पर हैं।
दूसरी तरफ प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने महापंचायत में 100 लोगों से ज्यादा लोगों के शामिल ना होने की अनुमति नहीं दी है। कहा जा रहा है कि गुर्जर समाज और राजस्थान सरकार इस मामले को लेकर एक दूसरे के आमने आमने-सामने आ सकते हैं। कहा जा रहा है कि स्थिति गंभीर हो सकती है। इसके मद्देनजर राजस्थान सरकार ने सभी नेट और मोबाइल सेवाएं बंद कर दी है।
हालांकि इसके लिए भारी संख्या में पुलिस बल तैनात कर दिया गया है। पिछले 14 सालों में राजस्थान में गुर्जर आरक्षण का मुद्दा अभी तक नहीं सुलझा है । पिछले दिनों कांग्रेस के पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट ने इस मुद्दे पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को पत्र लिखकर उनके घेराबंदी कर दी थी।
गुर्जर आरक्षण समिति ने पिछले दिनों इस मामले में एक बैठक करके राजस्थान सरकार को 17 अक्टूबर तक का अल्टीमेटम दिया था। तब कहा गया था कि अगर 17 अक्टूबर तक राजस्थान सरकार गुर्जरों को 5% आरक्षण नहीं देती है तो सवाई माधोपुर के मलारना डूंगर में गुर्जरों की महापंचायत होगी। यह जानकारी गुर्जर आरक्षण समिति के अध्यक्ष कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के जरिए दी थी। हालांकि बाद में उन्होंने महापंचायत का स्थान मलारना डूंगर की बजाय पीलूपुरा में घोषित किया था।