केंद्र के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश आदि राज्यों से आए किसान दिल्ली की अलग-अलग सीमाओं पर लगभग तीन महीने से प्रदर्शन कर रहे हैं।किसान आंदोलन समय के साथ और गति पकड़ता जा रहा है। इस आंदोलन को तेज करने में किसान नेता राकेश टिकैत की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। आंदोलन को तेज करने के मकसद से उत्तर प्रदेश, हरियाणा, पंजाब में लगातार महापंचायत किया जा रहा है। इस बीच राकेश टिकैत यह भी कहते रहे हैं कि वो केंद्र सरकार से बातचीत को हमेशा तैयार हैं लेकिन कृषि कानूनों को वापस करवाने की अपनी मांग से नहीं हटेंगे।
संयुक्त किसान मोर्चा ने आज हरियाणा के बहादुरगढ़ में किसान महापंचायत बुलाई थी जिसमें किसान नेता और भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने भी हिस्सा लिया था। महापंचायत के दौरान बोलते हुए राकेश टिकैत ने दोहराया कि बिना कृषि कानूनों को वापस करवाए वो अपने घर नहीं लौटेंगे। इसी दौरान राकेश टिकैत ने मीडिया से भी बातचीत की और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गृहराज्य गुजरात को लेकर कहा कि वो आंदोलन को वहां भी ले जाएंगे। अपनी अगली रणनीति के बारे में बोलते हुए उनका कहना था कि वो आंदोलन को पूरे देश में फैलाएंगे।
‘मैंने राकेश टिकैत जी से बात की है. किसानों के लिए उनकी लड़ाई सराहनीय है और मैंने इस लड़ाई में उनका सहयोग करने का वादा किया है। मेरे गुजरात से बाहर जाने पर रोक लगी हुई है। जिसकी वजह से मैं विरोध में शामिल नहीं हो पाया हूँ। हालांकि मैंने टिकैत जी को गुजरात आने का निमंत्रण दिया है।
हार्दिक पटेल