गुजरात विधानसभा चुनाव में कुछ ही दिन बचे हैं, ऐसे में बीजेपी में बगावत शुरू हो गई है। भाजपा ने एक साथ पार्टी से बगावत करने वाले 12 लोगों को निलंबित कर दिया है। इसमें छह बार के विधायक नेता और दो पूर्व विधायक शामिल हैं। इन सभी ने पार्टी द्वारा टिकट से वंचित किए जाने के बाद गुजरात विधानसभा चुनाव के लिए निर्दलीय के रूप में नामांकन दाखिल किया है।
अब तक पार्टी से बगावत करने वाले 19 लोगों को निलंबित किया जा चुका है। यह निलंबन छह साल के लिए किया गया है। गुजरात में एक दिसंबर को पहले चरण का मतदान होगा। उसके लिए उम्मीदवारी दाखिल करने की प्रक्रिया पूरी कर ली गई है। बीजेपी ने हाल ही में निर्दलीय नामांकन पत्र दाखिल करने के बाद सात नेताओं को निलंबित कर दिया है। गुजरात में दो चरणों में 182 सीटों के लिए मतदान होगा। इन कुल सीटों में से 10 फीसदी सीटों पर बीजेपी से बगावत करने वाले उम्मीदवार चुनाव लड़ रहे हैं। हिमाचल प्रदेश चुनाव के साथ-साथ गुजरात चुनाव के नतीजे भी 8 दिसंबर को घोषित किए जाएंगे।
बीजेपी ने इस चुनाव में करीब तीन दर्जन मौजूदा विधायकों की उम्मीदवारी खारिज की है। वहीं पांच मंत्रियों के पते भी हैक कर लिए गए हैं। इसलिए नेताओं ने बगावत का इंतजार किया है। हिमाचल प्रदेश चुनाव के दौरान बीजेपी को हर तीसरी सीट पर अपनों का सामना करना पड़ा था। गुजरात में 27 साल से सत्ता में रहने के बाद भी बीजेपी को इसी समस्या का सामना करना पड़ रहा है।
वाघोडिया के मौजूदा विधायक व 2002 के गुजरात दंगों के आरोपी मधु श्रीवास्तव, सावली के कुलदीप सिंह रावल, शेहरा के खाटूभाई, लूनावाड़ा के एस. एस, खांट, उमरेठ के रमेश झाला, धानेरा के मावजी देसाई और दिसा के लेबजी ठाकोर जैसे महत्वपूर्ण नेताओं को चुनाव से पहले भाजपा से निलंबित कर दिया गया है।