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ग्राहकों के चुनिंदा श्रेणी के कर्ज पर बैंको को ब्याज पर ब्याज का भुगतान करेगी सरकार

विश्व बैंक का अनुमान, पूरे दुनिया में विदेशों से भेजे जाने वाले धन में आएगी भारी गिरावट

कोरोना वायरस महामारी के दौरान लोगों के लिए ऋण चुकाना मुश्किल बन रहा है। ऐसे में के कारण ऋणों के अदायगी में ग्राहकों को छह माह की राहत का वहन सरकार करेगी। आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने इस बीच बैंक की मासिक किस्त के ब्याज पर ब्याज का भुगतान करने का फैसला किया है।  हालांकि, यह मामला अभी सुप्रीम कोर्ट में लंबित है।  इसलिए सरकार इस बारे में पहली जानकारी सरकारी अदालत को देगी।

सरकार ने ब्याज पर ब्याज देने का फैसला किया है। जिसके चलते सरकार को लगभग 5,500 करोड़ रुपये का बोझ उठाना होगा। सरकार चयनित श्रेणी के ऋण पर छह महीने में चक्रवृद्धि ब्याज और सामान्य ब्याज अंतर का भुगतान करेगी।

एमएसएमई, शिक्षा, गृह, क्रेडिट कार्ड, वाहन और व्यक्तिगत ऋण जैसे ऋण की श्रेणी में आएंगे । ब्याज पर ब्याज देने से सरकार को लगभग 5,500 करोड़ रुपये का खर्च आएगा। कोरोना वायरस के संचरण के कारण आरबीआई ने 1 मार्च से 31 अगस्त तक की मोहलत दी थी।  इसका मतलब यह है कि अगर कोई इस बीच पैसे की कमी के कारण ईएमआई का भुगतान नहीं कर सकता है, तो उन्हें डिफॉल्टर्स नहीं माना जाना चाहिए।

 हालांकि, इस बीच बैंक ने ग्राहकों से अवैतनिक ईएमआई पर ब्याज लेना शुरू कर दिया।  कई उपभोक्ताओं ने इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी।  इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही है।  सरकार ने शीर्ष अदालत को बताया कि वह एमएसएमई और व्यक्तिगत ऋण को मिलाकर केवल 2 करोड़ रुपये तक के चक्रवृद्धि ब्याज का भुगतान करेंगे।

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