देश में लॉकडाउन के चलते कई लोगों की रोजी -रोटी पर संकट छाया है। लॉकडाउन का असर आम जनता से लेकर सेक्स वर्करों पर भी पड़ा है। यही वजह है कि उच्चतम न्यायालय सुप्रीम कोर्ट ने आज 21 सितंबर को एक याचिका की सुनवाई के दौरान केंद्र और राज्य सरकारों को सेक्स वर्करों को सभी बुनियादी सुविधाएं देने का आदेश दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा कि सेक्स वर्कर्स लॉकडाउन के चलते काफी मुश्किल में हैं। इसकी ओर भी तत्काल ध्यान देने की जरूरत है।
कोर्ट ने सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार से कहा कि सेक्स वर्कर्स को राशन कार्ड के बिना राशन और बुनियादी जरूरतें मुहैया कराई जाएं। जस्टिस एल नागेश्वर राव की अध्यक्षता वाली बेंच ने याचिका की सुनवाई करते हुए कहा कि अधिकारी सेक्स वर्करों को राहत देने के लिए ऐसे कदम उठाने पर विचार कर सकते हैं, जो ट्रांसजेंडर समुदाय की मदद के लिए उठाए गए हैं। मामले की सुनवाई अगले हफ्ते तक के लिए स्थगित कर दी गई है।
दरअसल, लॉकडाउन के दौरान संकट का सामना कर रहे ट्रांसजेंडर वर्ग ने सरकार से भत्ते की मांग की थी, जिसके बाद सरकार ने मई में उन्हें भत्ता देने की घोषणा की थी। सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री थावर चंद्र गहलोत ने ट्रांसजेंडर की शिकायतों को देखते हुए 15 सौ रुपए निर्वाह भत्ता देने का फैसला किया था। फिलहाल देशभर में लगभग 4 हजार 922 ट्रांसजेंडर को इस सुविधा का लाभ दिया जा रहा है।