कोरोनाकाल के बीच चल रहे मानसून सत्र के दौरान संसद के दोनों सदनों में हर दिन हंगामा तेज होता जा रहा है। पेगासस जासूसी कांड, महंगाई और कृषि कानूनों के मुद्दे पर संसद में विपक्ष का हंगामा जारी है। पेगासस जासूसी कांड को लेकर सदन विपक्ष की नारेबाजी से गूंज रहा है। विपक्ष इस मुद्दे पर लगातार चर्चा की मांग कर रहा है। यहां तक कि सदन में पर्चे भी उड़ाए जा रहे हैं। सदन में विपक्ष के तेवर तल्ख नजर आ रहे हैं। पेगासस जासूसी कांड, कोरोना संकट ,किसान आंदोलन और महंगाई जैसे मुद्दों पर सरकार को घेरने के लिए इस बीच विपक्ष लंबी लड़ाई पर मंथन कर रहा है। सरकार की मुश्किल बढ़ाने के लिए विपक्षी दल के नेता सदन के बाहर सामांतर संसद चलाने की रणनीति बना रहे हैं और इसके लिए इन सभी ने राहुल गांधी द्वारा आयोजित चाय-नाश्ते की बैठक हिस्सा लिया है। यह बैठक कॉन्स्टिट्यूशन क्लब में हुई है।

राहुल गांधी ने विपक्षी नेताओं से एकजुट रहने की अपील
ताजा जानकारी के अनुसार आम आदमी पार्टी और बसपा के कोई भी नेता इस बैठक में नहीं पहुंचे । इस बैठक के बाद विपक्षी नेता साइकिलों से संसद भवन पहुंचे। कंस्टीट्यूशन क्लब में राहुल गांधी की अगुआई में आयोजित इस बैठक में 14 दलों के नेता शामिल हुए। शिवसेना, एनसीपी, आरजेडी और सीपीआई समेत दलों के नेताओं के साथ राहुल गांधी ने सरकार को घेरने की रणनीति पर चर्चा की। इस दौरान राहुल गांधी ने विपक्षी नेताओं से एकजुट रहने की अपील की। उन्होंने कहा कि यदि हम लोग विपक्ष के तौर पर एकजुट रहेंगे तो फिर आरएसएस और भाजपा हमारी आवाज को दबा नहीं सकेंगे।
सरकार का विपक्ष पर तीखा हमला

विपक्षी दलों के सांसदों का हंगामा लगातार जारी
राहुल गांधी के साइकिल मार्च में कांग्रेस के अधीर रंजन चौधरी, कार्ति चिदंबरम, गौरव गोगोई समेत अन्य नेता इस मार्च में दिखाई दिए। बता दें कि संसद में पेगासस जासूसी कांड, महंगाई समेत अन्य मुद्दों को लेकर विपक्षी दलों के सांसदों का हंगामा लगातार जारी है। विपक्ष सरकार से इन मुद्दों पर जवाब की मांग कर रहा है, सरकार विपक्ष की मांगों को बेबुनियाद बता रही है। सरकार का कहना है कि संसद नहीं चलने देने से विपक्ष लोकतंत्र और जनता का अपमान कर रहा है।
इन पार्टियों के नेताओं ने लिया बैठक में भाग
कांग्रेस, राकांपा, शिवसेना, राजद, सपा, माकपा, भाकपा, आईयूएमएल, रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी (आरएसपी), केरल कांग्रेस (एम), झारखंड मुक्ति मोर्चा, नेशनल कॉन्फ्रेंस, टीएमसी और लोकतांत्रिक जनता दल (एलजेडी) के नेता इस बैठक में भाग ले रहे हैं।
सरकार पर दबाव बनाने की हर संभव कोशिश जारी
सूत्रों की मानें तो तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) का कहना है कि जासूसी और किसान आंदोलन मामले में हर वह दांव आजमाना है जिससे सरकार दबाव में आए। अगर प्रमुख विपक्षी दल समानांतर संसद चलाने के प्रस्ताव पर सहमति देते हैं तो इससे न सिर्फ इस मुद्दे को राष्ट्रव्यापी प्रचार मिलेगा, बल्कि इस मुद्दे पर अपनी हठधर्मिता के कारण सरकार बैकफुट पर होगी।
कांग्रेस को सेल्फ गोल का भी डर
टीएमसी के इस प्रस्ताव पर राहुल ने बैठक तो बुलाई है , लेकिन कांग्रेस को इससे ‘सेल्फ गोल’ का भी डर सता रहा है। यही कारण है कि कांग्रेस ने इस मुद्दे पर अपनी राय स्पष्ट नहीं की है। पार्टी को लगता है कि समानांतर संसद चलाने के फैसले के कारण पार्टी आलोचनाओं का शिकार भी हो सकती है।
पेगासस पर नहीं कराएगा कोई चर्चा :केंद्र
मानसून सत्र को शुरू हुए करीब दो हफ्तों से भी ज्यादा का समय बीत चुका है,लेकिन संसद के दोनों सदनों में पेगासस जासूसी मामले में सरकार और विपक्ष के बीच का रास्ता निकलने की कोई उम्मीद नहीं है। कार्य मंत्रणा समिति की पिछली दो बैठकों में सरकार ने साफ कर दिया कि वह पेगासस मामले में किसी भी तरह का चर्चा नहीं कराएगी। दूसरी ओर विपक्ष सदन की कार्यवाही चलाने के लिए हर हाल में पेगासस पर चर्चा के साथ इस मामले में सरकार की ओर से जांच की घोषणा करने की शर्त से पीछे हटने के लिए तैयार नहीं है।
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