सोशल मीडिया ऐप्स और ओटीटी के मनमाने प्रबंधन पर अंकुश लगाने की तैयारी शुरू हो गई है। इसके लिए सरकार नए टेलीकॉम बिल का ड्राफ्ट लेकर आ रही है। दरअसल अभी तक सोशल मीडिया ऐप और ओटीटी को लेकर कोई नियम नहीं था। इसलिए अश्लील गाली-गलौज, अश्लील सामग्री सोशल मीडिया और ओटीटी पर बिना किसी रुकावट के प्रसारित की जा रही थी। ऐसी सामग्री पर प्रतिबंध लगाने के लिए सरकार द्वारा टेलीकॉम ड्राफ्ट बिल पेश किया जा रहा है।
सोशल मीडिया ऐप्स और ओटीटी पर प्रतिबंध
केंद्र सरकार के मुताबिक, व्हाट्सएप, सिग्नल और अन्य सेवाओं को जल्द ही नए दूरसंचार ड्राफ्ट बिल के तहत कानूनी ढांचे के तहत लाया जाएगा। इसका मतलब है कि इन सेवाओं को कानून के दायरे में लाया जाएगा, जो इन सेवा प्रदाताओं की देनदारी तय करेगा। नियमों के उल्लंघन और जुर्माना और लाइसेंस रद्द करने के लिए भी यह नियम लागू किया जा सकता है।
सोशल मीडिया होगा पहले से ज्यादा सुरक्षित
यदि यह बिल इस रूप में पेश किया जाता है तो सोशल मीडिया और ओटीटी ऐप्स का डाटा एन्क्रिप्टेड रूप में प्रस्तुत किया जाएगा। इससे यूजर्स की प्राइवेसी और सिक्योरिटी बढ़ेगी। इसका मतलब यह होगा कि सोशल मीडिया डेटा के लीक या हैक होने की घटनाओं में कमी आएगी।
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नए कानून के दायरे में आएंगी ये सेवाएं
दूरसंचार मसौदा विधेयक में दूरसंचार सेवाएं जैसे प्रसारण सेवाएं, इलेक्ट्रॉनिक मेल, वॉइस मेल, आवाज, वीडियो और डेटा संचार सेवाएं, ऑडियो सेवाएं, वीडियोटेक्स सेवाएं, फिक्स्ड और मोबाइल सेवाएं, इंटरनेट और ब्रॉडबैंड सेवाएं, उपग्रह आधारित संचार सेवाएं शामिल हैं।
इसके अलावा इसमें इंटरनेट आधारित संचार सेवाएं, इन-फ्लाइट और समुद्री कनेक्टिविटी सेवाएं, पारस्परिक संचार सेवा, मशीन से मशीन संचार सेवा, ओटीटी शामिल हैं।
रडार पर होंगी ये सेवाएं
- इंटरनेट आधारित संचार सेवा
- इन-फ्लाइट और समुद्री संपर्क
- पारस्परिक संचार सेवाएं
- आवाज कॉल
- वीडियो कॉल
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