[gtranslate]
Country

सरकार ला रही कानून, अब सोशल मीडिया चलाने के लिए कराना होगा KYC

सरकार ला रही कानून, सोशल मीडिया चलाने के लिए अब कराना होगा KYC

सरकार जल्द ही मौजूदा सत्र में संसद में नया विधेयक पेश करने वाली  है। जिसके बाद से सोशल मीडिया इस्तेमाल करने वाले करोड़ों यूजर्स को अपना वेरिफिकेशन कराना पड़ सकता है।

इस बिल के पास होने जाने के बाद व्हाट्सएप, फेसबुक, इंस्टाग्राम और टिकटॉक जैसे एप का इस्तेमाल करने के लिए यूजर्स को पहले केवाईसी कराना होगा।

संसद में चल रहे शीतकालीन सत्र में ही सरकार की ओर से यह विधेयक पेश किया जाएगा। सूचना और प्रसारण मंत्री प्रकाश जावेड़कर की ओर से कहा गया कि इस बिल की चर्चा पहले संसद में की जाएगी।

साथ ही इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने विधेयक को कैबिनेट और दूरसंचार और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के पास भेज दिया है।

इस विधेयक के मुताबिक, कोई भी सरकारी या निजी संस्था किसी व्यक्ति की अनुमति के बिना उसके डाटा का प्रयोग नहीं कर सकती है। केवल राज्य, केंद्र की लाभकारी योजनाओं और चिकित्सा आपातकाल के लिए ही ऐसा किया जा सकता है।

साथ ही प्रत्येक व्यक्ति को उसके डाटा के संबंध में कुछ अहम अधिकार होंगे। सम्बंधित व्यक्ति अपने डाटा में सुधार कर सकता है। संस्था के पास मौजूद अपने डाटा तक पहुंच की मांग की जा सकती है।

गौरतलब है कि कुछ दिन पहले एक रिपोर्ट सामने आई थी जिसमें कहा जा रहा था कि सोशल मीडिया अकाउंट को आधार से लिंक करना होगा। जिसे लेकर काफी बवाल भी हुआ था।

क्यों लाया जा रहा है यह विधेयक

इंडिया स्पैंड के अनुसार सोशल मीडिया के जरिए फेक न्यूज के चलते 2017 से लेकर के 2018 तक 30 लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं व्हाट्सएप ने इसका प्रसार रोकने के लिए मैसेज फॉरवर्ड करने की अधिकतम सीमा को पांच किया था।

इसे देखते हुए सुरक्षा के मद्देनजर फेक न्यूज के प्रसार पर रोक लगाने के लिए सरकार की ओर से यह बिल संसद में पेश किया जाएगा। जिसके लिए इन कंपनियों को अपने यहां पर एक ऐसा मैकेनिज्म तैयार करना होगा जो वेरिफिकेशन कंपनी की ओर से किया जाएगा। कंपनी को उसे सार्वजनिक भी करना होगा।

रॉयटर्स के एक रिपोर्ट के मुताबिक, यूजर्स को अपनी केवाईसी करानी होगी। इसके लिए यूजर्स को पैन कार्ड, आधार कार्ड, वोटर आईडी कार्ड या फिर पासपोर्ट जैसे सरकारी डॉक्यूमेंट देने होंगे। इससे सोशल मीडिया पर चल रहे फर्जी अकाउंट को हटाने में और उनकी जानकारी में सरकार को मदद मिलेगी।

निजी डाटा चुराने पर अब कंपनी के जिम्मेदार अधिकारियों को तीन साल की जेल भी हो सकती है। इसके अलावा कंपनी को 15 करोड़ रुपये तक या उसके वैश्विक टर्नओवर का चार फीसदी जुर्माना भी देना पड़ सकता है।

कैबिनेट से निजी डाटा संरक्षण विधेयक, 2019 को मंजूरी मिलने के बाद अधिकारियों ने बताया कि इस विधेयक में निजी डाटा की चोरी करने या फिर उसका बेजा इस्तेमाल करने पर रोक लगाने के कई प्रावधान किए गए हैं।

You may also like

MERA DDDD DDD DD