केंद्र सरकार ने सरकारी दफ्तरों को साफ सुथरा और स्वच्छ बनाने के लिए कुछ वर्ष पहले एक विशेष स्वछता अभियान की शुरुआत की थी। जिसका दूसरा चरण नवंबर 2022 में शुरू हुआ था और बीते महीने अगस्त 2023 में समाप्त हुआ है। ख़बरों के अनुसार दफ्तरों की सफाई के दौरान निकलने वाले कबाड़ से केंद्र सरकार को काफी लाभ हुआ है।
चंद्रयान-3 जितनी राशि प्राप्त
दरअसल, इस अभियान के तहत सरकार ने सरकारी दफ्तरों के कबाड़ को बेचकर 600 करोड़ रुपए की कमाई की है। यह आंकड़ा सिर्फ अगस्त तक का है और सम्भावना जताई जा रही है कि ये आंकड़ा अक्टूबर के महीने तक 1000 करोड़ रुपये तक पहुंच सकता है। देखा जाये तो केंद्र सरकार द्वारा बेचे गए कबाड़ से इकट्ठी की गई रकम उतनी ही है जितनी चंद्रयान-3 के मिशन पर खर्च हुई।
कई मंत्रालयों को हुआ लाभ
हाल ही में जारी रिपोर्ट के अनुसार जल शक्ति मंत्रालय ने 17 लाख से अधिक राजस्व रद्दी बेचकर कमाए हैं। इसके साथ ही जल शक्ति मंत्रालय में जल संसाधन, नदी विकास कार्य, गंगा संरक्षण विभाग की सारी फाइलें व रद्दी के हटाए जाने से 5 हजार, 900 वर्ग फीट से ज्यादा जगह खाली कराई गई है। सफाई के इस कार्य को करने के लिए मंत्रालय ने 32 हजार फाइलों का दोबारा निरीक्षण किया, 248 बार स्वच्छता अभियान संचालित किया। जल शक्ति मंत्रालय के अलावा नीति आयोग को भी इस अभियान का बड़ा लाभ हुआ है। नीति आयोग ने भी अपनी 75 प्रतिशत फाइलों का पुनरीक्षण किया और 95 प्रतिशत से अधिक जन शिकायतों का निपटान किया।
अमर उजाला में छपी रिपोर्ट के अनुसार एस श्रीनिवास का कहना है कि इस अभियान में दूसरे संस्करण में सरकारी कार्यालयों से करीब 50 लाख फाइलें हटाई गईं और इससे 172 लाख स्कवायर फीट का ऑफिस स्थान खाली हुआ। 31.35 लाख मामले निपटाए गए। अब तीसरे संस्करण के तहत 31 अक्तूबर 2023 तक करीब 1000 करोड़ रुपये की कीमत की रद्दी निकल सकती है। एक अन्य सरकारी अधिकारी के अनुसार , पिछले वर्ष भी ऐसे ही स्वच्छता अभियान में कबाड़ बेचकर 371 रुपए कमाए थे।
विशेष स्वछता अभियान 3.0 होगा शुरू
अब तक विशेष स्वछता अभियान के 2 चरण पूरे हो चुके हैं अब केंद्र सरकार स्वच्छता अभियान का स्पेशल कैंपेन 3.0 की शुरुआत 2 अक्तूबर से करने जा रही है। यह 31 अक्तूबर तक चलेगा। इस बीच सभी सरकारी कार्यालयों में सफाई की जाएगी। 1989 बैच के आईएएस अधिकारी एस श्रीनिवास ने बताया कि स्वच्छता अभियान का दूसरा संस्करण सफल रहा था और इस दौरान सभी मंत्रालयों और सरकारी विभागों में स्वच्छता अभियान के तहत पूरे साल हर हफ्ते तीन घंटे सफाई को दिए गए। जिसका परिणाम यह हुआ है की सरकारी दफ्तरों के बिना काम की चीजें हटाई जा चुकी हैं और दफ्तरों में काफी जगह भी खली की गई है।
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