सुकन्या समृद्धि योजना में खाता खुलवाने के लिए सरकार ने समय-सीमा बढ़ा दी है। अब 31 जुलाई तक अपनी बेटियों के खाते आप खोल सकते हैं। इसमें उन लोगों को छूट मिली है, जो लॉकडाउन के चलते खाता खुलवाने से चूक गए या लॉकडाउन में जिनकी बेटी की उम्र अधिकतम लिमिट 10 साल के पार चली गई।
डाक विभाग के एक हालिया निर्देश के मुताबिक, लॉकडाउन के दौरान (25 मार्च से 30 जून 2020 तक) जो बेटियां 10 साल की हो गई हैं, उनके नाम भी 31 जुलाई 2020 तक सुकन्या समृद्धि योजना (एसएसवाई) में खाता खुलवाया जा सकता है। हालांकि, इसका फायदा उन्हीं को मिलेगा, जो 31 जुलाई के पहले अकाउंट खोलेंगे।
कोरोना वायरस लॉकडाउन के चलते सभी तरह की गतिविधियों पर रोक लगा दी गई थी, जिसकी वजह से बहुत से लोग चाहकर भी निवेश बचत जैसे काम नहीं कर पाए। ऐसे में सरकार ने इसके लिए कुछ नियमों में ढील या बदलाव किया है। इस छूट का फायदा उन अभिभावकों को मिलेगा, जिनके बेटियों की उम्र लॉकाडउन के दौरान 10 साल हो गई है।
इंडिया पोस्ट की गाइडलाइंस के मुताबिक, सुकन्या समृद्धि अकाउंट 31 जुलाई 2020 को या इससे पहले इन बेटियों के नाम से खोला जा सकता है, जिनकी उम्र 25 मार्च 2020 से 30 जून 2020 तक लॉकडाउन के दौरान 10 साल की उम्र पूरी हो गई हो।
बता दें कि मौजूदा समय में सुकन्या समृद्धि योजना में 7.6 फीसदी सालाना ब्याज मिल रहा है। सीनियर सिटीजंस सेविंग्स स्कीम को छोड़ दिया जाए तो इसमें सबसे ज्यादा ब्याज मिल रहा है। सुकन्या समृद्धि योजना के तहत एक वित्त वर्ष में कम से कम 250 रुपये और अधिकतम 1.50 लाख रुपये जमा किया जा सकता है। वहीं एक अभिभावक अधिक से अधिक 2 बेटियों के नाम से अकाउंट खुलवा सकता है।
बढ़ती महंगाई के इस दौर में बेटी की उच्च शिक्षा और शादी के खर्चों को आसानी से पूरा नहीं किया जा सकता। इसलिए इसे पूरा करने के लिए सुकन्या समृद्धि योजना एक बेहतरीन विकल्प है। अगर आप अपनी बिटिया की कम उम्र से ही इसमें निवेश करते हैं तो बेटी के 21 साल पूरे होने पर इतना पैसा मिलेगा कि आपकी सारी चिंताएं दूर हो जाएंगी। इस स्कीम में 15 साल तक निवेश कर सकते हैं।
आप डाकघर में सुकन्या समृद्धि योजना का खाता खुलवा सकते हैं। इसके अलावा आप बैंक में भी इस खाता के बारे में पता कर सकते हैं। अधिकतर बैंकों को सरकार ने यह खोलने के लिए अधिकृत किया हुआ है। सुकन्या समृद्धि योजना के तहत खाता खुलवाने के लिए बालिका की जन्म या उम्र का प्रमाण पत्र, बच्चे के अभिभावक के पते का प्रमाण पत्र या आधार कार्ड की जरूरत होगी। यदि आधार कार्ड नहीं है तो राशन कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, बिजली बिल, पासपोर्ट आदि को भी मान्य दस्तावेज के रूप में अधिकृत किया गया है।
एक वित्तीय वर्ष के दौरान किसी एक अकाउंट में अधिकतम 1.5 लाख रुपये तक जमा किया जा सकता है। किसी एक अकाउंट में एक वित्तीय वर्ष में आप अधिक से अधिक 1.5 लाख रुपये और कम से कम 250 रुपये तक निवेश कर सकते हैं। अगर इस खाते में एक वित्तीय वर्ष के दौरान न्यूनतम 250 रुपये नहीं जमा किया जाता है तो 15 साल की अवधि के दौरान इसे कभी भी 50 रुपये (प्रति वर्ष) की पेनाल्टी के साथ रेग्युलराइज किया जा सकता है।
सुकन्या समृद्धि योजना में 7.6 फीसद की दर से इस समय ब्याज मिल रहा है। खाता खुलवाते समय जो ब्याज दर रहती है, उसी दर से पूरे निवेश काल के दौरान ब्याज मिलता है। मौजूदा ब्याज दर से अगर हर वित्तीय वर्ष में 1.5 लाख रुपये 15 साल तक जमा किया जाता है तो इस पर आपके द्वारा जमा किया गया कुल रकम 22,50,000 रुपए होगा और इस पर ब्याज 41,36,543 रुपए बनेगा।
21 साल तक यह रकम ब्याज के साथ बढ़कर करीब 64 लाख रुपए हो जाएगा। सुकन्या समृद्धि योजना पर मिलने वाला ब्याज सरकार हर तिमाही में तय करती है। मैच्योरिटी तक ब्याज दर में कई बार बदलाव हो सकते हैं।