बिहार में इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने की संभावना हैं। शायद इसके चलते ही बिहार सरकार जल्दबाजी में आनन-फानन में ही विकास कार्यों का लोकार्पण कर रही है। प्रदेश के विकास के तहत कई पुलों के निर्माण हुए हैं। हालांकि, पुल निर्माण में भ्रष्टाचार की शिकायतें पहले से ही आ रही थी। बावजूद इसके बिहार सरकार ने इस शिकायतों की तरफ ध्यान नहीं दिया।
इसका नतीजा यह निकला कि कल चंपारण, तिरूहत और सारण जिलों को जोड़ने वाला सेतू गिर गया। 263 रूपये की लागत से बने इस पुल का महज 29 दिन पहले ही उद्घाटन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पटना से किया था। इस मामले पर बिहार में प्रतिपक्ष नेता तेजस्वी यादव ने नीतीश सरकार की जमकर घेराबंदी की है। उन्होंने कहा कि 263 करोड़ से 8 साल में बना पुल मात्र 29 दिन में ही ढह गया। यह पुल बिहार सरकार की भ्रष्टाचार की निशानी है। बिहार में चारों तरफ लूट लूट मची है।
गौरतलब है कि कल गोपालगंज को चंपारण से और तिरहुत को कई जिलों से जोड़ने वाला बिहार का महत्वपूर्ण पुल बरसात में बह गया। यह पुल निर्माण विभाग ने बनाया था । इसमें 263 करोड़ की लागत लगी थी। पुल निर्माण विभाग ने इस सेतू का निर्माण 8 साल में किया था। बताया जाता है कि नीतीश कुमार सरकार ने इस पुल के उद्घाटन में जल्दबाजी की। इसके पीछे बिहार विधानसभा चुनाव हैं।
दरअसल, बिहार में कभी भी विधानसभा चुनाव की आचार सहिता की घोषणा हो सकती है। इसके मद्देनजर पुल को पहले ही चालू कर दिया गया। हालांकि, इसके पीछे भ्रष्टाचार की बात कही जा रही है। आरजेडी और प्रतिपक्ष नेता तेजस्वी यादव ने नीतीश सरकार पर जमकर निशाना साधा।
263 करोड़ से 8 साल में बना लेकिन मात्र 29 दिन में ढ़ह गया पुल। संगठित भ्रष्टाचार के भीष्म पितामह नीतीश जी इस पर एक शब्द भी नहीं बोलेंगे और ना ही साइकिल से रेंज रोवर की सवारी कराने वाले भ्रष्टाचारी सहपाठी पथ निर्माण मंत्री को बर्खास्त करेंगे। बिहार में चारों तरफ लूट ही लूट मची है। pic.twitter.com/EIcQYPEHn8
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) July 16, 2020
उन्होंने कहा कि पुल इसलिए टूटा क्योंकि इसमें भ्रष्टाचार हुआ है। तेजस्वी यादव ने कहा कि इस पुल का पैसा उन अधिकारियों से वसूला जाए जिन पर इसको निर्माण करने की जिम्मेदारी थी।
गौरतलब है कि गत 16 जून को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पटना में एक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग करके इस सेतु का उद्घाटन किया था। लेकिन यह पुल एक माह भी नहीं चल पाया और 29 दिन बाद ही धस गया।