जमशेदपुर कोर्ट ने बिष्टुपुर अलकोर होटल में देह व्यापार मामले में मंगलवार को जेल में बंद कोलकाता की लड़की को जमानत दे दिया। प्रधान जिला जज मनोज कुमार ने लड़की के जमानत को मंजूर कर लिया लेकिन होटल के मैनेजर धनंजय कुमार की जमानत याचिका खारिज कर दिया। दोनों की जमानत याचिका पर 1 जून को कोर्ट में बहस हुई थी। लड़की की तरफ से बचाव पक्ष के अधिवक्ता प्रकाश झा ने बहस की थी। बहस के बाद कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया था।
वरिष्ठ अधिवक्ता प्रकाश झा ने अदालत को बताया कि पुलिस के बयान में लड़की और लड़का दोनों गलफ्रैंड-ब्वॉयफ्रैंड है। लड़की पर ट्रैफिक मोरल एक्ट साबित नहीं हो सकता। ग्रर्लफ्रैंड कभी वैश्या नहीं हो सकती। यदि वेश्या है तो वह गिरफ्तार नहीं हो सकती। 14 फरवरी, 16 को सुप्रीम कोर्ट के जारी पैनल रिपोर्ट में कहा गया है कि सैक्स वर्कर को गिरफ्तार नहीं किया जा सकता है। उसको रेस्क्यू करेंगे तो उसके पैरेंटस को देंगे या फिर उसे प्रोटेक्शन होम में देंगे। उसी आशय का वर्ष 2018 में राज्य सभा में बिल पेश हुआ था। उसमें सुप्रीम कोर्ट की रिपोर्ट को कंशीडर किया गया। पुलिस एक भी सबूत नहीं ला सकी, जिससे ये साबित हो कि लड़की को देह व्यापार के धंधा के लिए बुलाया गया है। फुटेज मुख्य साक्ष्य नहीं है, बल्कि सहयोगी साक्ष्य है। जिसका कानून की किताब में कोई महत्व नहीं है।
28 मई को प्रधान जिला जज की अदालत में देह व्यापार मामले में हाईकोर्ट के अधिवक्ता इंद्रजीत सिन्हा ने राजीव दुग्गल, अधिवक्ता राजेंद्र कृष्णा ने शरद पोद्दार व राहुल अग्रवाल, अधिवक्ता सुमित गड़ोदिया ने लड्डू मंगोतिया व रजत जग्गी की तरफ से बहस की थी। सभी की जमानत याचिका 29 मई को अदालत ने खारिज कर दी थी। सिर्फ लॉक डाउन के मामले में राजीव दुग्गल को जमानत मिल चुकी है।
इधर, अलकोर होटल में देह व्यापार व लॉकडाउन उल्लंघन मामले में सिख समाज राजीव दुग्गल को बेकसूर मानता है। जबकि पुलिस जांच में राजीव का दोनों मामले में इनडायरेक्ट इनवॉलमेंट मानकर जांच कर रही है। वहींं जमशेदपुर कोर्ट ने देह व्यापार मामले में पुलिस की जांच कई बिंदू पर जारी होने का हवाला देते हुए जमानत खारिज कर दी है।
पटना गुरुद्वारा कमेटी के उपाध्यक्ष इंदरजीत सिंह ने कहा कि राजीव दुग्गल साफ सुथरी छवि के व्यक्ति है। उनपर आरोप लगना यह समाज को नहीं पच रहा। उन्हें प्रशासन और न्यायालय पर भरोसा है। कुछ समय लग सकता है, लेकिन जीत हमेशा सच्चाई की होगी। न्यायालय में सच सामने आएगा। सीजीपीसी के सीनियर मीत प्रधान हरविंदर सिंह मंटू ने कहा कि राजीव दुग्गल के मामले में प्रशासन को जल्दबाजी नहीं करनी चाहिए थी। सभी बिंदू पर जांच कर होनी चाहिए थी।
देह व्यापार के मामले की सुनवाई कर रही प्रधान जिला जज की अदालत ने राजीव दुग्गल समेत 6 की जमानत याचिका खारिज करने का कारण बताया कि पुलिस अभी मामले की जांच कर रही है। कई बिंदू पर जांच बाकी है। होटल मालिक और मैनेजर ने पुलिस को गलत जानकारी दी कि 23 मार्च को लड़की आकर ठहरी है। जबकि लड़की 25 मार्च को आई है।