राजस्थान में कांग्रेस के लिए अच्छी खबर है। वह यह कि पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और युवा नेता सचिन पायलट में सुलह के संकेत दिखाई देने लगे है। इसका आधार गहलोत-पायलट के बीच हुई बातचीत को बनाया जा रहा है।
दोनों दिग्गजों के बीच लंबी बातचीत हुई है। जबकि हाल-हाल तक दोनों में टकराव की खबरें प्रदेश कांग्रेस के नैया डूबोने के संकेत दे रही थी। प्रदेश कांग्रेस दो खेमों में बंट गया था। एक ऐसे समय में जब राज्य में भारतीय जनता पार्टी की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के प्रति जनता में नाराजगी है। कायदे से प्रदेश कांग्रेस को इस नाराजगी को भुनाने की बजाए आपस में ही उलझा गए। कांग्रेस के बीच जारी जंग से महारानी ने राहत की सांस ली थी।
गहलोत-पायलट मुलाकात से वह प्रदेश कांग्रेस का मनोबल बढ़ा है। दोनों दिग्गजों की मुलाकात के बाद ही विधानसभा चुनाव 2018 के लिए कांग्रेस ने अपने प्रत्याशियों की पहली सूची जारी करने वाली है। बताया जा रहा है कि सूची में करीब 150 उम्मीदवारों के नाम शामिल है। दोनों दिग्गजों की मुलाकात प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडे के घर पर हुई। पहले लग रहा था कि 13 नवंबर की शाम को ही सूची जारी हो जाएगी। लेकिन इसे फिर अगले दिन के लिए टाल दिया गए। भाजपा ने अपना 131 उम्मीदवार का ऐलान चार दिन पहले ही कर दिया था। इससे वर्तमान विधायकों की संख्या 83 है। वहीं 25 नए नाम है।
कांग्रेस प्रत्याशी सूची तो जारी होने वाली है। मगर अभी तक यह तय नहीं हो पाया है कि सूची तय करने में गहलोत पायलट में ज्यादा किसकी चली है। सूत्र बताते हंै कि गहलोत ने अपने कद का फायदा उठाते हुए अपने लोगों को ज्यादा टिकट दिया है, पायलट के मन मारना पड़ा है। यह भी तय है कि जिसके पास विधायकों की तादाद ज्यादा होगी वही प्रदेश का भावी मुख्यमंत्री होगा। अगर कांग्रेस महारानी की मात देकर बहुमत में आती है तब एक बार फिर से गहलोत-पायलट अब मुख्यमंत्री पद के लिए अपनी-अपनी दावेदारी पेश करेंगे। तब जिसके पास ज्यादा विधायक होंगे। उनके अपने लोग है। वही सिंहासन पर बैठेगा।