पिछले कुछ समय से आर्थिक मंदी का हवाला देकर एक ओर जहां ट्वविटर,एमाजॉन , फेसबुक और गूगल जैसी बड़ी कंपनियों से लगातार कर्मचारियों की छंटनी की जारी है वहीं दूसरी तरफ इसी आर्थिक मंदी के दौर में एक रिपोर्ट के अनुसार अगले साल तक गेमिंग इंडस्ट्री में करीब एक लाख से ज्यादा नौकरियां उपलब्ध होंगी। यह भी कहा जा रहा है कि आने वाले दिनों में इस इंडस्ट्री के लिए गोल्डन पीरियड साबित होगा ।
साल 2026 तक, उद्योग को 2.5 गुना अधिक नौकरियों की आवश्यकता होगी। कहा जा रहा है कि गेमिंग इंडस्ट्री यूज़र्स की संख्या लगतार बढ़ती जा रही है। गेमिंग एक्सपर्ट्स के अनुसार भी यह क्षेत्र आने वाले वक्त में इस सेक्टर से जुड़े लोगों के लिए नई सुबह की तरह है।
रिपोर्ट के अनुसार यह विश्व की सबसे बड़ी गेमिंग कंपनियों में से एक है। जिसका नाम टीमलीज डिजिटल है। आने वाले सालों में यह कम्पनी प्रोग्रामिंग, टेस्टिंग, एनिमेशन और डिजाइन सहित डोमेन में एक लाख नई नौकरियां देगी । वर्तमान में इस क्षेत्र की कंपनियां लगभग 50 हजार लोगों को प्रत्यक्ष रूप से रोजगार देती है, जिनमें से 30 फीसदी कार्यबल प्रोग्रामर और डेवलपर हैं।
इन पदों पर मिलेगी नौकरी
रिपोर्ट के मुताबिक सबसे अधिक वेतन पैकेज में गेम डिस्कवरर का हो सकता है जिसकी वार्षिक इनकम करीब 10 लाख रुपये हो सकती है, दूसरे नंबर पर गेम डिजाइनर है जिनकी वार्षिक इनकम करीब 6.5 लाख रुपये होगी , वहीँ सॉफ्टवेयर इंजीनियर की वार्षिक इनकम लगभग 5 लाख रुपये हो सकती है, इसके बाद गेम डेवलपर्स की वार्षिक आय करीब 5.25 लाख रुपये बताई जा रही है वहीं टेस्टर की आय भी 5 लाख के करीब हो सकती है।
कई कंपनियों में जारी है छंटनी का सिलसिला
पिछले कुछ दिनों से दुनियाभर की कई नामी कंपनियां अपने कर्मचारियों की छंटनी कर रही हैं। लेकिन बड़ी संख्या में हो रही छंटनी को लेकर सवाल उठ रहे हैं कि अरबों में कारोबार वाली ये कंपनियां अपने कर्मचारियों की छंटनी क्यों कर रही हैं? ऐसे में तर्क दिए जा रहे हैं कि कोरोना महामारी के दौरान मंदी और सप्लाई चैन में रुकावट के कारण कई कंपनियों को भारी नुकसान हुआ है जिसकी वजह से इतनी बड़ी मात्रा में कर्मचारियों की छंटनी की जा रही है।