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केजरीवाल के दिल्ली मॉडल को चैलेंज दे रहा है ‘गनोली मॉडल’

दिल्ली सरकार सरकारी स्कूलों में शिक्षा के स्तर को सुधारने के दावे के साथ ही उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश में मिशन 2022 का सपना सँजोए हुए है । लेकिन एक “ग्राम पाठशाला” नामक सरकार ऐसी भी हैं जो दिल्ली सरकार को शिक्षा के मामले में टक्कर दे रही है। गाजियाबाद के गनोली गाँव के रोजगार युक्त युवाओं की इस सरकार ने गाँव- गाँव लाइब्रेरी की स्थापना कराने का लक्ष्य रखा है ।
लाइब्रेरी बेस यह गनोली मॉडल कोरोना काल के दौरान अस्तित्व में आया था । लेकिन महज चार महीनों में ही गनोली मॉडल अब उत्तर प्रदेश के छह जिलों में विस्तार पा चुका है । दिल्ली पुलिस के इंस्पेक्टर लाल बहार के नेतृत्व में शुरू हुआ यह मिशन गाजियाबाद के गाँव गनोली से शुरू होकर जिला बागपत, जिला गौतम बुद्ध नगर के साथ ही हापुड़ और बुलंदशहर तक जा पहुंचा है । आगामी दिनों में ग्राम पाठशाला का यह कारवां उत्तर प्रदेश के छठे जिले में प्रवेश करेगा। 27 दिसंबर को मुज्जफ्फरनगर जिले के जडवड कटिया में नई लाइब्रेरी का शुभारंभ किया जायेगा।
ग्राम पाठशाला टीम से प्रेरित होकर कल बुलंदशहर के मूढी बकापुर गाँव में करप्शन फ्री इंडिया के संयोजक प्रवीण भारतीय के सौजन्य से 18 वी लाइब्रेरी का उदघाटन हुआ। जिसके मुख्य अतिथि बुलंदशहर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ( SSP ) संतोष कुमार सिंह और उपलाधिकारी सदर आशीष कुमार रहे। बुलंदशहर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक संतोष कुमार सिंह की माने तो उन्होंने अपनी पुलिस की नौकरी के दौरान पहली बार किसी लाइब्रेरी का उद्घाटन किया है। यही नहीं बल्कि वह ग्राम पाठशाला के इस अभियान से बुलंदशहर के एसएसपी इतना प्रभावित हुए कि उन्होंने यहां तक कह दिया कि सेवानिर्वत होने के बाद ग्राम पाठशाला की मुहीम का हिस्सा बनकर इसको आगे बढ़ाने का काम करूँगा। संतोष कुमार सिंह ने रामायण और महाभारत के साथ ही गीता सार का उदाहरण देते हुए लोगों को इतिहास से सबक लेने की जरुरत पर बल दिया। जबकि बुलंदशहर के एसडीएम सदर आशीष कुमार ने यह कहकर सबको अचंभित कर दिया कि उन्हें तो ज्यादातर लोग नाली – चकरोड के विवादास्पद मामलों पर गावों में बुलाते है , लेकिन यह पहली बार है जब किसी गांव के लोगो ने उन्हें लाइब्रेरी के शुभारंभ अवसर पर बुलाया है।
बुलंदशहर के मूढी बकापुर गाँव में लाइब्रेरी स्थापित कराने वाले करप्शन फ्री इंडिया के संयोजक प्रवीण भारतीय अन्ना हजारे आंदोलन की उपज है। कहने को तो वह ग्रेटर नोएडा और उसके आसपास के इलाके के प्रभावित किसानों मजदूरों की लड़ाई लड़ते है। लेकिन अपने गांव के प्रति अपना फर्ज निभाते हुए उन्होंने ग्राम सचिवालय ( पंचायत भवन ) में लाइब्रेरी स्थापित कराई। प्रवीण भारतीय बताते है इसके लिए गांव के लोगो ने 50 रुपए से लेकर 11,000 तक की आर्थिक सहायता की। जिसकी बदौलत गांव के युवा वर्ग के लिए निशुल्क लाइब्रेरी अस्तित्व में आई। इस कार्यक्रम में बुलंदशहर के जिलाधिकारी रविंद्र कुमार को बतौर चीफ गेस्ट आना था। लेकिन सरकारी कार्य के चलते वह नहीं आए लेकिन उन्होंने गांव में स्थापित हुई लाइब्रेरी के लिए स्वरचित पांच पुस्तके प्रदान की। इसी के साथ समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता राजकुमार भाटी ने भी लाइब्रेरी को सवा सौं किताबे भेंट की है। प्रवीण भारतीय के अनुसार एमिटी कॉलेज के लॉ प्रोफेसर डॉ. दीपक शर्मा , जिला अस्पताल बुलंदशहर में कार्यरत डॉ आशीष प्रकाश गुर्जर ,सतपाल सिंह , के साथ ही महेंद्र सिंह ने आध्यात्मिक पुस्तकें प्रदान की। जबकि राकेश पवार ने छात्रों के अध्यनरत आईएएस और आईपीएस के महत्वपूर्ण नोट्स लाइब्रेरी को सुपर्द किए है।

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