पंजाब सहित पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव में हार के बाद कांग्रेस में अंदरूनी कलह बढ़ सकती है।पार्टी के असंतुष्ट नेता एक बार फिर शीर्ष नेतृत्व पर सवाल उठाने लगे हैं। इस सिलसिले में पार्टी के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद के आवास पर असंतुष्ट नेताओं की बैठक भी हुई है । वहीं इस बार पार्टी भी पलटवार की मुद्रा में है। ऐसे में कांग्रेस के अंदर घमासान और बढ़ने के आसार हैं।
दरअसल ,हाल ही में संपन्न हुए पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों में मिली करारी हार के कारणों पर विचार करने के लिए कांग्रेस पार्टी कार्यसमिति की बैठक बुलाने की तैयारी कर रही है। इस बैठक के पहले पार्टी के असंतुष्ट नेता भी रणनीति को अंतिम रूप देने में जुट गए हैं। ताकि पार्टी के शीर्ष नेतृत्व पर दबाव बनाया जा सके। इस बाबत वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद के आवास पर हुई पार्टी नेताओं की बैठक में आनंद शर्मा, कपिल सिब्बल और मनीष तिवारी सहित कई असंतुष्ट नेता शामिल रहे। बैठक में चुनावों में पार्टी की हार पर चर्चा हुई। एक असंतुष्ट नेता ने कहा हार के कारणों पर विचार करने के लिए बुलाई गई पार्टी कार्यसमिति की बैठक में वे मजबूती से अपनी बात रखेंगे। इन नेताओं ने सोनिया गांधी से मिलने का वक्त भी मांगा है।
गौरतलब है कि मौजूदा समय में देश की सबसे पुरानी और सबसे ज्यादा समय तक राज करने वाली पार्टी के बहुत बुरे दिन चल रहे हैं। पार्टी का नेतृत्व किन हाथों में हो, इस मुद्दे पर नेताओं का आपसी घमासान अभी थमा नहीं है। आगामी दिनों में यह घमासान और तेज होने के आसार हैं। ऐसा इसलिए कि न तो असंतुष्ट नेता अपने कदम पीछे खींचने को तैयार हैं और न ही पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी और पूर्व अध्यक्ष राहुल उनकी बात मानने के मूड में दिखाई देते हैं।
राजनीतिक विश्लेषकों की मानें तो कांग्रेस के लिए वाकई चिंता का विषय है कि एक ओर जहां केंद्र और राज्यों में उसका जनाधार सिमटता जा रहा है, वहीं पार्टी के सामने अहम सवाल यह भी है कि आखिर भविष्य में पार्टी का खेवनहार कौन होगा? पार्टी अपना नेतृत्व ही तय नहीं कर पा रही है। 2019 लोकसभा चुनाव के बाद सोनिया गांधी ही अंतरिम अध्यक्ष के तौर पर काम कर रही हैं। तब से लगातार कांग्रेस सिमटती जा रही है। कांग्रेस के कुछ बागी नेताओं की ओर से पिछले साल कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को चिट्ठी लिखी गई थी। इस शिकायती चिट्ठी से पार्टी में खासा हंगामा हुआ था। इन बागी नेताओं के गुट को जी-23 गुट कहा जाता है। जो अब एक बार फिर सक्रिय हो गए हैं। ऐसे में कहा जा रहा है कि आने वाले दिनों में पार्टी के भीतर घमासान देखने को मिल सकता है। दरअसल ,असंतुष्ट नेताओं की दलील है कि 2014 के बाद लोकसभा और विभिन्न विधानसभाओं के करीब 45 चुनाव हुए हैं।लेकिन कांग्रेस पार्टी इनमें से सिर्फ पांच चुनाव जीती है। बावजूद पार्टी ने कभी खुद को पुनर्जीवित करने की कोशिश नहीं की। इससे पार्टी कार्यकर्ता मायूस हैं।